सीतापुर-अनूप पाण्डेय,विमल मिश्रा/NOI-
उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के मिश्रिख /सतयुगकालीन परम तपस्वी महर्षि दधीचि की पावन तपोभूमि के रूप में सुविख्यात धार्मिक कस्बा मिश्रिख जहॉ प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मांह की अमावस्या तिथि से चौरासी कोषीय धार्मिक होली परिक्रमा मेला चलता रहता है ऐसे धार्मिक क्षेत्र की परिधि मे स्थापित प्राचीन शिव लिंग आज उपेक्षा का सिकार होकर रह गया है अट्ठासी हजार ऋषि-मुनियों की पावन तपो भूमि मिश्रित नैमिषारण्य जहां पर हिंदू धर्म के चार वेद और अट्ठारह पुराणों सहित कई धार्मिक ग्रन्थों की रचनाओं हेतु बिश्वबिख्यात है वहीं धार्मिक कस्बा मिश्रिख के तहसील प्रांगण में तत्कालीन तहसीलदार लवकुमार सिंह जो अब प्रदेश में कहीं उपजिलाधिकारी के पद पर आसीन है उनके द्वारा अपनी तैनाती के दौरान सरकारी आवास के अंदर एक शिवलिंग की स्थापना कराई गयी गई थी जिसका वे प्रतिदिन धूप दीप नौवेद्य के साथ पूजन अर्चन करते थे सायद वह इस शिव लिंग के प्रताप से ही आज उच्च पद पर आशीन है लेकिन उनका यहॉ से स्थानांतरण होने के बाद यह प्राचीन स्थान पूरी तरह से उपेक्षा का शिकार होकर रह गया है आज सोमवार के दिन शुभ अवसर पर यहॉ के प्रमुख समाज सेवी आलोक शुक्ला ने तहसील के इस उपेक्षित शिवलिंग के स्थान की साफ सफाई कराकर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शास्त्रीय बिधि बिधान से पूजा अर्चना कर जहॉ इस धार्मिक क्षेत्र में धर्म की ज्योंति को जाग्रत किया है वही तहसील प्रशासन से अनुमति मिलने पर इस प्राचीन शिव स्थान का जार्णोध्दार कराने की बात कही है /