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Tuesday, January 14, 2025

मिसाल: मुस्लिम ने उठाया हिंदू बेटी को डॉक्‍टर बनाने का बीड़ा


अमरोहा। आवास विकास काॅलोनी प्रथम में किराए के मकान में रहने वाली छात्रा निकेता के पिता किशन बल्लभ गोयल की 6 मई 2017 को ब्रेन ट्यूमर होने के कारण मौत हो गई थी। पिता की इकलौती बेटी होने के कारण निकेता ने गंगा तट पर अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर बेटे के फर्ज को पूरा किया। पिता के निधन के बाद बेसहारा हो चुकी निकेता की मदद के लिए मशहूर समाज सेवी डॉ. सिराजुद्दीन हाशमी ने निकेता की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं हैं।


हाशमी साहब का कहना है कि निकेता की पढ़ाई से लेकर उसके पिता का निकेता को डॉक्टर बनाने का सपना वो पूरा कराएंगे, जिसके लिए होने वाला खर्च स्वयं उठाएंगे। निकेता की मां गीता देवी को भी अपने काॅलेज में शिक्षण कार्य पर रखेंगे, जिससे घर का खर्च आसानी से निकल सके।निकेता के घर पहुंचकर डॉ. सिराजुद्दीन ने शोक संवेदना व्यक्त की। निकेता को एक किताबों का बैग और कुछ धनराशि का चैक सौंपा। जब डॉ. हाशमी साहब ने निकेता से कहा कि अब तक मेरी दो बेटियां थी और अब एक बेटी तुम हो अब मेरे तीन बेटियां हो गई। तो ये बात सुनकर निकेता इतनी भावुक हो गई कि आंसू छलक आए। अब शायद निकेता को एहसास हो गया है कि मेरी परवरिश करने वाला मिल गया। 

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