मुंबई। मुंबई में बीएमसी चुनाव में शिवसेना को कांटे की टक्कर देने के बाद अब बीजेपी ने मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि बीजेपी अब मुंबई के मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी. साथ ही पार्टी ने डिप्टी मेयर का चुनाव भी नहीं लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला मुंबई की जनता के हितों को देखते हुए और उनके जनमत को सम्मान देने के लिए लिया गया है. बीजेपी मुंबई हित में शिवसेना का साथ देगी. बीजेपी की इस घोषणा के बाद अब मुंबई में शिवसेना का मेयर बनना लगभग तय है. मुख्यमंत्री ने मुंबई में उप-लोकायुक्त नियुक्त करने का ऐलान भी किया. वहीं शिवसेना ने विश्वनाथ महादेश्वर को मेयर पद के लिए और हरेश्वर वर्लीकर को डिप्टी-मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. शिवसेना के वरिष्ठ नेता अनिल परब ने यह जानकारी दी।
निकाय चुनाव के कारण शिवसेना के साथ रिश्तों में तनाव के बाद अपने मंत्रिमंडल पर किस तरह के खतरे से इनकार करते हुए फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी उक्त दोनों पदों के अलावा निकाय की महत्वपूर्ण स्थाई समिति और अन्य पैनलों के अध्यक्ष पदों के लिए भी अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी. ‘पारदर्शिता’ के मुद्दे पर निकाय चुनाव में भाजपा का नेतृत्व करने वाले फडणवीस ने कहा कि उनकी पार्टी बीएमसी में निगरानी करने वाले की भूमिका में रहना पसंद करेगी. उन्होंने कहा, ‘मुंबई के लोगों ने दिल खोलकर भाजपा को वोट दिया क्योंकि उन्हें स्थानीय निकाय प्रशासन में हमारी पारदर्शिता के एजेंडे पर यकीन है।
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना सबसे बड़े दल के रूप में सामने आयी है, जबकि भाजपा उससे दो सीट पीछे है. ऐसे में हमारे पास अपना मेयर बनाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं हैं. इसमें हमें अन्य दलों का समर्थन लेने की जरूरत पड़ती.’ फडणवीस ने कहा, भाजपा बाहर से समर्थन लेकर पारदर्शिता के मुद्दे पर समझौता नहीं करना चाहती. इसलिए पार्टी ने मतदाताओं द्वारा उसमें दिखाए गए विश्वास को बनाए रखने का विकल्प चुना. इसे सरकार (प्रदेश) बनाए रखने के लिए ‘समर्पण’ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. राज्य की गठबंधन सरकार में शिवसेना अहम सहयोगी है. उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार स्थिर है. शुक्रवार को शिवसेना के मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक में भाग लिया और हमारे बीच विभिन्न मुद्दों पर सहमति बनी.’ शिवसेना ने भाजपा के फैसले का स्वागत किया और ‘जनता की भावनाओं का सम्मान करने के लिए’ फडणवीस को धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही फडणवीस कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बयान दिया था कि वह इस बात को लेकर 200 फीसदी आश्वस्त हैं कि बीएमसी में भाजपा और शिवसेना एकसाथ आएंगे. पाटिल ने प्रदेश भाजपा की कोर समिति की अहम बैठक के पहले यह बयान दिया. उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य की भाजपा नीत सरकार पर कोई खतरा नहीं है.
227-सदस्यीय महानगरपालिका में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. इस चुनाव में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. भाजपा को 82 सीटें मिली और वह मामूली अंतर से ही शिवसेना से पिछड़ गई।
बीएमसी चुनाव के नतीजों से लगायी जा रही अटकलों पर अब विराम लग गया है. शिवसेना के मन की हुई है. मुम्बई का मेयर अब शिवसेना का हो होगा.
भाजपा का ये कदम एक बेहद नपा-तुला राजनीतिक फ़ैसला है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने में शिवसेना को भाजपा का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में शिवेसना के ख़िलाफ़ मेयर पद के उम्मीदवार को खड़ा करने पर भाजपा को राज्य सरकार में शिवसेना का समर्थन खो देने का डर था. देवेन्द्र फडणवीस की ये घोषणा राज्य में अपनी सरकार बचाये रखने की कोशिश है. शिवसेना को समर्थन और मुंबई के लिए उप-लोकायुक्त की नियुक्ति का फ़ैसला. भाजपा और देवेन्द्र फडणवीस ने इस ऐलान के ज़रिये ना सिर्फ़ महाराष्ट्र में अपनी सरकार बचायी, लेकिन साथ ही जिस तरह राज्य में शिवसेना भाजपा पर दबाव बनाए रखती है, उसका जवाब भी दिया गया. भाजपा शिवसेना को समर्थन भले ही दे रही हो लेकिन साथ ही शिवसेना पर नकेल कसने का इंतज़ाम भी कर चुकी है।
खास बातें
शिवसेना ने मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए अपने उम्मीदवार घोषित किए
बीएमसी के इन दोनों पदों पर अब शिवसेना का कब्जा होना तय है
227-सदस्यीय बीएमसी में शिवसेना को 84, बीजेपी को 82 सीटें मिली हैं