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Wednesday, September 18, 2024

मुख्य मंत्री के मंशूबों पर पानी फेर रहे मिश्रिख के भू – माफिया ।

सीतापुर-अनूप पाण्डेय,विमल मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के तहसील मिश्रित के राजस्व अधिकारी नहीं मानते मा . उच्चतम न्यायालय का आदेश ।
मिश्रित सीतापुर / प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ एन्टी भू – माफिया टास्क फोर्स गठित कर भू – माफियाओं पर नकेल कसने की भरपूर कोशिस कर रहे हैं वहीं उनके अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी उनके मंशूबों पर पानी फेरने का कार्य कर रहे हैं तहसील मिश्रित में तैनात राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठ गांठ के चलते धार्मिक कस्बा मिश्रित में भू – माफियाओं व्दारा नगर के तालाबों को पाटकर अवैध इमारतों का निर्माण कराया जा रहा है जिससे समूचे शहर का जल निकास बाधित हो गया है तमाम जन शिकायतों के बावजूद भी यहां पर तैनात राजस्व अधिकारी व कर्मचारी भू – माफियाओं पर कार्यवाही करना उचित नहीं समझ रहे हैं गौरतलब हो धार्मिक कस्बा मिश्रित में गाटा सं. 316 व 317 जो राजस्व अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज है यह दोनों तालाब सीतापुर हरदोई मार्ग के पूर्व व पश्चिम स्थित है इनके जल निकास हेतु सीतापुर हरदोई मार्ग पर लोक निर्माण विभाग ने एक पुलिया का भी निर्माण कराया था इस पुलिया के माध्यम से पूरे शहर का जल निकास संभव होता था परंतु वर्तमान समय में तहसील प्रशासन की मिली भगत के चलते भू – माफियाओं ने सड़क के पूर्व में स्थित तालाब को पाट कर अवैध इमारतों का निर्माण करा लिया है और लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित कराई गई सरकारी पुलिया को छति ग्रस्त करके बंद कर दिया है जिससे समूचे शहर का जल निकास भी बंद हो गया है जबकि इन तालाबों की दोनों गाटा सं .बीते बंदोबस्त हाल 1337 फ. के राजस्व अभिलिखो में तालाब की श्रेणी में दर्ज हैं और इन तालाबों में मिश्री पुत्र छंगा को सिंघाड़ा डालने हेतु पट्टे पर दिया गया है जो 1362 फ . तक अंकित है परन्तु वर्तमान समय 13 63 फ. में दोनोें तालाब बिना किसी प्रशासनिक आदेश के एक ऐसे व्यक्ति के नाम अंकित कर दिये गये हैं जो यहां का निवासी भी नहीं है दीवान चंद गिरी पुत्र हरी बाबू निवासी नैनीताल के नाम राजस्व अभिलेखों में बिना किसी आदेश के दर्ज हैं जो इन सरकारी तालाबों की कीमती भूमि को तहसील प्रशासन की मिली भगत से यहां के भू – माफियाओं के हांथ क्रय करके लाखों रुपयों की धनराशि प्राप्त कर नैनीताल चंपत हो जाते हैं ज्ञात हो कि इस धार्मिक नगर में सरकारी जमीनों की सुरक्षा हेतु मा .उच्चतम न्यायालय ने हिंचलाल तिवारी बनाम कमला गुप्ता की जनहित याचिका के दौरान तालाब , पोखर , शमसान , चारागाह आदि की जमीनों को पट्टा , बिक्री , लेखपत्र से प्रतिबंधित किया है वहीं मा . उच्चतम न्यायालय ने अपने एक और आदेश – सीताराम बनाम डी.डी.सी. वाराणसी वर्ष 1983 एल. जे. के पृष्ठ सं . 76 में स्पष्ट निर्देश दिया है कि तालाब , शमसान , चारागाह ,आदि के पट्टे व लेख पत्र अवैध मांने जायेगे वादीय भूमि राजस्व अभिलेखों में उसी श्रेणी के रूप में अंकित की जाएगी फिर भी मा . उच्चतम न्यायालय के इतने स्पष्ट और कड़े आदेश भी यहां पर तैनात तहसीलदार चंद्रभान राम व उनके अधीनस्थ राजस्व निरीक्षक एवं लेखपालों हेतु प्रभावी नही प्रतीत हो रहे हैं वह अपने व्दारा बनाए गये नियमों पर चलकर स्वार्थ सिध्दि करने में मशगूल चल रहे है गाटा सं .316 व . 317 जो आज भी मौके पर तालाब के रूप में स्थित है परन्तु उन्हे दिखाई नही दे रहा है यह तालाब तहसील कार्यालय के चंद कदम की दूरी पर ही स्थित है यह दोनों तालाब नगर पालिका परिषद के अंदर परिक्षेत्र में सीतापुर हरदोई मार्ग के दोनों ओर स्थित है रोड साइड की काफी कीमती भूमि होंने के कारण भू – माफिया राजस्व अधिकारियों से सांठ गांठ कर सड़क के पूर्व मे स्थित तालाब को समाप्त कर इमारतों का निर्माण करा रहे है परन्तु अभी सड़क के पश्चिम आधा तालाब शेष बचा है उस पर भी भू – माफिया अवैध पटान कराकर इमारतों का निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं इस अवैध निर्माण कार्य को लेकर यहां के प्रमुख समाजसेवी विनय कुमार शुक्ला ने दिनांक 25 मई को एक सिकायती प्रार्थना पत्र यहां के उपजिलाधिकारी को देकर भू – माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की थी परंतु उनके द्वारा अभी तक इस मामले को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है जिससे भू – माफियाओं के हौंसले और भी बुलंद चल रहे है और खुले आम सरकारी तालाब को पाटकर इमारतों का निर्माण कराने का प्रयास कर रहे हैं शिकायतकर्ता का आरोप है कि उपरोक्त तालाब पट जाने से पूरे शहर का जल निकास बंद हो जाएगा बारिस आदि मे लोगों को भारी जल भराव का सामना करना पड़ेगा इस लिए शिकायतकर्ता ने जिला प्रशासन व प्रदेश शासन का ध्यान इस गंभीर मामले की ओर आकर्षित कराते हुए भू – माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी से बात की गयी तो बताया है कि प्रार्थना पत्र तहसीलदार को अग्रेषित कर कार्यवाही के आदेश दिये गये है ।

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