चेन्नई, NOI। तमिलनाडु के मुख्य पूर्व सचिव पी. राम मोहन राव के घर और दफ्तर पर आयकर विभाग ने 22 दिसंबर को छापा मारा था, छापेमारी के दौरन उनके घर और दफ्तर से 30 लाख रुपये के नए नोट और पांच किलोग्राम सोना जब्त किया गया था। इसके अलावा करीब पांच करोड़ रुपये की अघोषित आय का भी खुलासा हुआ था, जिसके ठीक एक दिन बाद राव को उनके पद से हटा दिया गया था।
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए पूर्व सचिव ने कहा है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और उनका जीवन खतरे में है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीआरपीएफ ने मेरे घर में प्रवेश किया, उन्होंने मुझे सर्च वारंट दिखाया जिस पर मेरा नाम नहीं था, उन्हें तलाशी के बाद कुछ नहीं मिला, न कोई ऐसा दस्तावेज मिला और न ही कोई गुप्त कक्ष या स्टोर रूम मिला, जिससे वो मुझे दोषी ठहरा सकें।
पूर्व सचिव पी. रामा राव ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि राज्य सरकार कहां है? भारत सरकार की इसमें क्या भूमिका है कि सीआरपीएफ मुख्य सचिव के कक्ष में प्रवेश करती है। क्या उन्हें मुख्यमंत्री की अनुमति मिली थी?
तमिलनाडु के पूर्व मुख्य सचिव पी. आर.एम. राव के ठेकेदार रेड्डी के साथ मिलकर उन्हें खनन ठेके दिलाने के आरोपों पर अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मेरा शेखर रेड्डी के साथ कोई संबंध नहीं है। मैं उसके साथ कोई कार्य नहीं करता हूं। मेरा उनके साथ किसी भी प्रकार का कोई सरकारी व्यवसाय नहीं है।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने पूर्व मुख्य सचिव राव के बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून की नजर में सब समान है। जिसने भी गलत किया है उसे कानून दंडित करेगा।
गौरतलब है कि छापेमारी के बाद से वो काफी तनाव में चल रहे थे, जिसके बाद उन्हें 24 दिसंबर को चेन्नई में श्री रामचंद्र मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था। उन्हें ‘बेचैनी’ की शिकायत के बाद इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था।
पी राम मोहन राव, 1985 बैच के अफसर हैं, जिन्हें इसी साल जून में मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले उनकी नियुक्ति तमिलनाडु में मुख्यमंत्री कार्यालय में थी।