लखनऊ, NOI । मुलायम सिंह यादव के बुधवार को सपा दफ्तर पहुंचते ही वहां का माहौल कुछ देर के लिए ‘मुलायम मय’ हो गया। ‘जिसका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है’ व ‘मुलायम तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे गूंजने लगे। ऐसे में वहां पहले से मौजूद अखिलेश धड़े के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने कमरे में ही बंद रहे।
नेताजी करीब पौन घंटा सपा मुख्यालय में रुके, लेकिन इस दौरान उत्तम कमरे से बाहर नहीं निकले। जोरदार नारेबाजी होते देख सुरक्षाकर्मी ने उत्तम के कमरे के दरवाजे की कुंडी बाहर से लगा दी, जो नेताजी के जाने के बाद ही खोली गई।
नरेश उत्तम सुबह ही सपा मुख्यालय पहुंच गए थे। वे महासचिव वाले कमरे में कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे। इसी दौरान दोपहर करीब 1:20 बजे मुलायम भी शिवपाल यादव के साथ एक ही गाड़ी में सपा मुख्यालय पहुंचे।
उनके पीछे समर्थकों का हुजूम भी था। नेताजी सीधे अपने कक्ष में गए, जबकि दूसरी ओर स्थित एक कमरे में नरेश उत्तम बैठे थे। नेताजी के आने की खबर के बाद भी उत्तम बाहर नहीं निकले, जबकि उनके कमरे में बैठे लोग निकलकर बाहर खड़े हो गए।
करीब 10 मिनट तक अपने कक्ष में बैठने के बाद मुलायम बाहर आए। मैदान में बने मंच पर लगी कुर्सी पर बैठे और बगल में शिवपाल को बिठाया। तब तक पूरा दफ्तर परिसर कार्यकर्ताओं से भर गया था।वे मुलायम के समर्थन में नारे लगा रहे थे।
थोड़ी देर बाद मुलायम ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उनके एक-एक बयान पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की। करीब 40 मिनट बाद मुलायम, शिवपाल केसाथ वहां से निकल गए। उनके जाने के बाद भी नरेश उत्तम पार्टी दफ्तर में ही बैठे रहे।
नेताजी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी को बचाने को लेकर किए गए अपने प्रयासों का जिक्र किया। कहा, मैंने अपने पास कुछ नहीं रखा, जो था वह अखिलेश को दे दिया, फिर भी वह नहीं मान रहा। यह सुनकर कार्यकर्ता भावुक हो गए। उनका कहना था कि इस बुढ़ापे में नेताजी को परेशान करने वालों को भगवान कभी माफ नहीं करेगा।
मुलायम के जाने के बाद नरेश उत्तम के समर्थकों ने अखिलेश के समर्थन में नारे लगाए। हालांकि बाद में उन्हें मना कर दिया गया। इसके थोड़ी देर बाद कार्यकर्ता वहां से निकल गए। मेन गेट को फिर से बंद कर दिया गया।