आजमगढ़. सीएम का कार्यक्रम हो और डीएवी जैसा छोटा मैदान नहीं भरे तो इसे क्या कहेंगे। गुरूवार को बीजेपी के साथ कुछ ऐस ही हुआ। सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा थी और बीजेपी के लोग मैदान भी नहीं भर पाये। इसकी चर्चा भी खूब रही। बीजेपी के लिए खास उपलब्धि यह रही कि कांग्रेस और बसपा के तीन बड़े नेता पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गये।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ गुरूवार को निकाय चुनाव मैदान में उतरे बीजेपी उम्मीदवारों के समर्थन में सभा करने के लिए पहुंचे थे। माना जा रहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी की सत्ता संभालने के बाद सभा की नियत से पहली बार जिले में आ रहे है तो भाजपाई शक्ति का प्रदर्शन कर विपक्ष और आवाम को अपनी ताकत का एहसास कराना चाहेंगे।
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छोटे मैदान में जिस तरह की तैयारी थी उससे विपक्ष भी रैली पर नजर गड़ाए हुआ था। सीएम निर्धारित समय 1.10 बजे से करीब तीस मिनट देर से 1.40 बजे सभा स्थल पर पहुचे लेकिन मैदान नहीं भरा। वहीं सीएम भी अपनी छवि के विपरीत सिर्फ विकास की बात करते नजर आये।
रैली की भीड़ राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय रही तो बीजेपी के लोग यह कहते नजर आये कि रैली निकाय की थी। भीड़ जुटाने कोई उद्देश्य नहीं था। हम चाहते थे कि मतदाता यहां पहुंचे और सीएम को सुने और ऐसा हुआ भी।
मुख्यमंत्री ने जनसभा में कहा कि प्रधानमंत्री स्कील डेवलेपमेंट योजना के तहत 6 लाख नौजवानों को रजिस्टर्ड किया गया और तीन लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया। सीएम ने कहा कि हम नौकरी ले आ रहे है पहले चरण में 1.5 लाख पुलिस भर्ती की जायेगी, जिसमें 47 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती का कार्य दिसंबर में शुरू होगा, इसमें 42 हजार कांस्टेबल, 5 हजार एसआई की भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि अब एक जनपद विशेष के लोग भर्ती नहीं होगे और योग्यता के आधार पर भर्ती की जाएगी।