सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई महीने बाद अपने पिता एवं सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की.
इस दौरान समाजवादी परिवार के कई सदस्य भी उपस्थित थे. इस मौके पर सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने जहां अखिलेश को उनके व्यवहार के लिये चेतावनी दी, वहीं परिवार के सभी सदस्यों से एकजुट होकर सपा को मजबूत करने को कहा.
इस मुलाकात के दौरान मुलायम ने अपने परिवार के कुछ सदस्यों को विशेष रूप से चेताया कि यदि वह एक साथ नहीं आयेंगे तो भाजपा साजिश करके परेशान कर सकती है.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव वैसे तो आगामी 5 अक्टूबर को आगरा में सपा के होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए नेताजी को निमंत्रण देने गये थे, लेकिन यह माना जा रहा है कि इसके पीछे की मंशा मुलायम की अखिलेश के प्रति बढ़ी नाराजगी को कम करना था. मुलायम ने प्रेसवार्ता में कहा था कि उनका आशीर्वाद तो अखिलेश के साथ है, लेकिन वह घमंडी हैं.
मुलायम से मुलाकात के दौरान अखिलेश ने सबसे पहले पैर छुकर आशीर्वाद लिया और फिर मुस्कुराते हुए बैठ गये. मुलायम ने अखिलेश को कई पुरानी बातों की भी याद दिलायी. उन्होंने अखिलेश से कहा कि उसके व्यवहार के कारण ही शिवपाल सिंह यादव अलग-थलग पड़े हैं, जबकि सपा को खड़ा करने और मजबूत बनाने में शिवपाल की मेहनत को भूलाया नहीं जा सकता है.
बताते हैं मुलायम सिंह यादव ने यह भी कहा कि पिछली बार सपा यदि सत्ता में आयी थी तो इसके पीछे एक बड़ा कारण शिवपाल सिंह यादव की मेहनत थी, लेकिन इस बार विधान सभा चुनाव में शिवपाल ने मेहनत नहीं की और अपनी ही सीट बचाने में जुटे रहे तो उसका असर सीधे पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ा. जिसका असर यह है कि प्रदेश में सपा आज जितनी कमजोर है, उतनी कभी भी नहीं रही. इस बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ सफाई देने का प्रयास किया तो मुलायम ने उन्हें डपट दिया, जिससे वह मुस्कराते हुए चुप हो गये.