28 C
Lucknow
Sunday, December 8, 2024

मुसलमानों को हिरासत में रखने के लिए चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका

फाइल फोटो

पेइचिंग/वॉशिंगटन

चीन में हजारों की संख्या में उइगुर मुसलमानों को कई तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ रहा है। पेइचिंग द्वारा इन मुसलमानों को हिरासत में रखने के मामले में अब अमेरिका ने कड़ा ऐक्शन लेने का मन बना लिया है। दरअसल, ट्रंप प्रशासन उन वरिष्ठ चीनी अधिकारियों और कंपनियों को दंडित करने पर विचार कर रहा है, जो बड़ी संख्या में उइगुर मुसलमानों को डिटेंशन में रखने के लिए जिम्मेदार हैं। अमेरिका के कई मौजूदा और पूर्व अधिकारियों ने बताया है कि कई मुस्लिम अल्पसंख्यकों को बड़े शिविरों में हिरासत में रखा जा रहा है। न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
अधिकारियों का कहना है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के कारण चीन के खिलाफ ट्रंप प्रशासन पहली बार आर्थिक दंड लगाने पर विचार कर रहा है। इतना ही नहीं, अधिकारी सर्विलांस तकनीक की बिक्री को भी सीमित करने के बारे में सोच रहे हैं, जिसका बड़े पैमाने पर चीनी सुरक्षा एजेंसियां उत्तरपश्चिम चीन में अल्पसंख्यक उइगुरों के खिलाफ इस्तेमाल करती हैं।
बताया जा रहा है कि वाइट हाउस, ट्रेजरी और विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच पिछले कई महीनों से इस बारे में वार्ता चल रही है। दरअसल, चीन की सरकार अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ जैसा बर्ताव कर रही है, वह अमेरिका को रास नहीं आ रहा है। पहले से जारी ट्रेड वॉर के बीच अमेरिका अब चीन को इसके लिए भी सबक सिखाना चाहता है। आपको बता दें कि दो सप्ताह पहले अमेरिकी सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और ट्रेजरी सेक्रटरी स्टीवन नुचिन से सात चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने को कहा था। इसके बाद इस मामले में हलचल तेज हो गई।
फिलहाल अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चीन के मानवाधिकार रेकॉर्ड पर बोलने या ऐक्शन लेने से बचते रहे हैं। अगर इस तरह के प्रतिबंधों को मंजूरी मिलती है तो पहले से चीन और अमेरिका के बीच खराब चल रहे संबंध और भी बिगड़ सकते हैं। पेइचिंग के साथ इस समय अमेरिका का कारोबार और नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर मतभेद बना हुआ है।
चीनी मुसलमानों को शिविरों में हिरासत में रखने के लिए चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र के एक पैनल ने चीनी राजनयिकों की निंदा भी की थी। मानवाधिकार की वकालत करने वालों का कहना है कि शिनजियांग में बड़ी संख्या में मुसलमानों को हिरासत में रखा जाता है और दशकों से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें