जबलपुर। विगत 10 सालों से चल रही गरीब रथ ट्रेन की साइड मिडिल बर्थ यात्रियों के लिए मुसीबत बनी हुई है। यात्रियों के लिए सफर में सबसे ज्यादा तकलीफ उन यात्रियों को होती है, जिन्हें साइड मिडिल बर्थ अलाट होती है। पुरुष यात्री तो किसी तरह से इन बीच की बर्थ पर पहुंच ही जाते हैं मगर लेकिन महिला यात्रियों को यह बर्थ किसी सजा से कम नहीं है। महिला यात्रियों को बार-बार इस बर्थ से चढ़ना उतरना बेहद मुश्किल काम होता है। यदि गरीब रथ से साइड मिडिल बर्थ को हटा दिया जाए तो यात्रियों को पर्याप्त जगह के साथ सुविधा भी मिल सकती है।देश में इस समय कुल 25 गरीब रथ ट्रेन चल रही हैं। उनमें से ही एक सप्ताह में 3 दिन जबलपुर से मुम्बई के लिए गरीब रथ ट्रेन चलती है। देश में चलने वाली अनेक गरीब रथ ट्रेनों से साइड मिडिल बर्थ हटा दी गई हैं, लेकिन जबलपुर से चलने वाली गरीब रथ से इन्हें अब तक नहीं हटाया गया है।
आम नागरिकों को वातानुकूलित कोच में मात्र 850रुपए टिकट में यह ट्रेन मुम्बई की यात्रा करवाती है। इस ट्रेन से साइड मिडिल बर्थ हटाए जाने के लिए रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य सुबोध जैन ने पत्र रेलमंत्री को प्रेषित किया है। इस पत्र में कहा गया है कि इस ट्रेन को जब भी प्रतिदिन किए जाने की मांग होती है तो यह कहा जाता है कि इस तरह के कोच बनने बंद हो गए हैं। यही कारण है कि इस ट्रेन को नियमित नहीं किया जा सकता। यदि इस तरह के कोच बनना बंद हो गए हैं तो जो आधुनिक कोच बन रहे हैं उनका रैक मंगाकर प्रतिदिन गरीबरथ जैसी कोई नई ट्रेन चलाई जा सकती है।