नईदिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार महिला अधिकारों के आधार ‘एकसाथ तीन तलाक’ की व्यवस्था का उच्चतम न्यायालय में विरोध करेगी। सरकार ने इसे अपरिहार्य करार दिया और कहा है कि तीन तलाक के मसले को समान नागरिक संहिता के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमें इसको समान आचार संहिता के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। हमें महिलाओं के अधिकारें के संदर्भ में बात करने की जरूरत है। हमारा जवाब सिर्फ अधिकारों पर केंद्रित रहने वाला है। किसी महिला के अधिकार अपरिहार्य हैं और संविधान के अनुसार उसके पुरूषों के बराबर के अधिकार हासिल हैं।’