जयपुर। छह साल पहले नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के 191 मेयर-सभापति और अध्यक्षों से छीनी गई पावर सरकार ने गुरुवार को वापस दे दी। 2011 में तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व जयपुर मेयर ज्योति खंडेलवाल के बीच विवाद के बाद मेयर आदि निकाय प्रमुखों की प्रशासनिक और वित्तीय पावर छीन कर बोर्ड को दे दी थी। अब प्रशासनिक और वित्तीय पावर फिर निकाय प्रमुखों के पास होगी। इससे निकाय स्तर पर वे फैसले ले सकेंगे। निकाय सीईओ भी अब मेयर के सुपरविजन में काम करेंगे। अब मेयर छोटे अधिकारियों के अलावा सीईओ तक के खिलाफ भी एक्शन लेकर सीधे सरकार को कार्रवाई के लिए लिख सकेंगे। पहले यह पावर बोर्ड के पास था। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में जयपुर नगर निगम और कोटा निगम में मेयर के पावरफुल होने और कुछ मामलों में सीधे तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के साथ तनातनी के कारण मेयर के पावर सीईओ और बोर्ड को दिए गए थे।