लखनऊ। नगर निगम सदन की पहली सामान्य बैठक नवनिर्वाचित मेयर संयुक्ता भाटिया के लिए चुनौती भरी हो सकती है। शपथग्रहण और फिर कार्यकारिणी के चुनाव के बाद जनवरी में बैठक होने की उम्मीद है। इस दौरान टैक्स बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा होनी तय मानी जा रही है। दरअसल पिछली कार्यकारिणी की बैठक में सभी मुद्दे सदन में रखे जाने की बात कही गई थी। खासतौर पर हाउस और वाटर टैक्स में बढ़ोतरी के साथ ही कल्याण मंडपों का किराया बढ़ाने पर चर्चा होनी है। ऐसे में सदन हंगामेदार होना तय माना जा रहा है। लखनऊ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने बताया, ‘पुराने प्रस्तावों के साथ ही मेयर से चर्चा कर कई दूसरे मुद्दे भी रखे जाएंगे। फिलहाल नोटिफिकेशन जारी होने के बाद शपथ ग्रहण की तैयारियां की जानी हैं।’
हाउस टैक्स : 2010 से नहीं बदला स्लैब
साल 2010 के बाद से नगर निगम ने हाउस टैक्स की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। पिछले साल नगर निगम ने प्रस्ताव तैयार किया था। नगर निगम ने कमर्शल भवनों के टैक्स को बढ़ाने के साथ ही आवासीय भवनों के टैक्स में थोड़ी बढ़ोतरी की बात कही गई। तर्क था कि टैक्स बढ़ाकर नगर निगम को घाटे से उबारा जा सकता है। हालांकि सदन की बैठक में हंगामे के कारण टाल दिया गया।
वॉटर टैक्स : 2001 से बढ़ोतरी नहीं
जलकल विभाग को मिलने वाले टैक्स से ज्यादा खर्च कर्मचारियों के वेतन मद में हो जाता है। शहर में 17 साल पुरानी दरों पर वॉटर टैक्स वसूला जाता है। पिछले साल तत्कालीन मेयर दिनेश शर्मा ने जल नीति का खाका तैयार करवाया था। इसमें होटल, रेस्तरां, व्यवसायिक संपत्तियों के अलावा घर में सबमर्सिबल लगाने वालों से अधिक टैक्स वसूले जाने का प्रस्ताव था। समिति के सदस्य और एसपी पार्षद दल के नेता यावर हुसैन रेशू ने विरोध करते हुए रिपोर्ट पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया। नतीजन रिपोर्ट सदन में रखे जाने के बाद वापस हो गई।
कल्याण मंडप : बढ़ाने के बाद कम किया किराया
नगर निगम प्रशासक उदयराज सिंह ने कल्याण मंडपों के किराए में डेढ़ से दो गुना तक बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। चुनावी मौसम में पार्षदों के विरोध के बाद स्थानीय विधायक और मंत्रियों ने भी विरोध किया। ऐसे में फैसला वापस हो गया। अब इसे बैठक में फिर से रखा जाएगा।