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Thursday, December 12, 2024

मोदी ने कांग्रेस पर लगाया बसपा से मिलीभगत का आरोप, गठबंधन पर अखिलेश को भी लिया आड़े हाथ



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ भी मिलीभगत का आरोप लगाते हुए बुधवार (15 फरवरी) को कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुर्सी के मोह में अपने पिता मुलायम सिंह यादव की हत्या की कोशिश करने वाली कांग्रेस से गठबंधन की शर्मनाक हरकत की है। मोदी ने यहां परिवर्तन संकल्प रैली को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘उत्तर प्रदेश में राजनीति के मंच पर एक नयी फिल्म चल रही है। इंटरवल से पहले दोनों (सपा और कांग्रेस) लड़ रहे थे। (कांग्रेस) 27 साल यूपी बेहाल के नारे लगाकर यात्रा निकाल रहे थे, मगर इंटरवल के बाद दोनों एकजुट हो गये।’ उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस गठबंधन की घोषणा के बाद हुई पहली पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने तो मायावती के खिलाफ बयान दिया लेकिन कांग्रेस (उपाध्यक्ष राहुल गांधी) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें मायावती के खिलाफ कुछ नहीं कहना है।

मोदी ने कहा, ‘अखिलेश को अभी कम अनुभव है। वह नहीं जानते कि कांग्रेस के लोग कितने चतुर हैं। इस चुनाव में तीन पैर वाली दौड़ चल रही है, एक पैर सपा का है, सपा का दूसरा पैर कांग्रेस के एक पैर से बंधा है और कांग्रेस का दूसरा पैर बसपा के पैर से बंधा है। अखिलेश आप अपने पिता मुलायम सिंह जी की बात से भले ही सहमत नहीं हैं, लेकिन लिख लो कि कांग्रेस ने एक पैर बसपा से जोड़कर रखा है।’ उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के औचित्य पर सवाल करते हुए कहा कि मुलायम वर्ष 1984 में जब विधान परिषद में विपक्ष के नेता थे, तब उनके द्वारा कड़े विरोध से तंग आकर कांग्रेस ने चार मार्च 1984 को मुलायम पर गोलियां चलवायी थीं मगर वह बच गये थे। मैं अखिलेश से कहना चाहता हूं कि वह कांग्रेस की गोद में बैठने से पहले चार मार्च 1984 की घटना को याद कर लेते।

मोदी ने कहा, ‘कोई ऐसा भी बेटा होता है जो कुर्सी के मोह में अपने बाप पर हमला कराने वाले लोगों की गोद में बैठकर राजनीति करे। इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है। ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं किया जा सकता।’ वर्ष 1984 में इटावा से लखनऊ आ रहे मुलायम की कार पर कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलायी थीं। इस घटना में तत्कालीन कांग्रेस नेता बलराम सिंह यादव का नाम सामने आया था।


मोदी ने कहा कि यूपी को अंग्रेजी में ‘अप’ लिखा जाता है, लेकिन आज इस प्रदेश में कुछ भी ‘अप’ नजर नहीं आता, सब ‘डाउन’ नजर आता है। आज विकास, कानून-व्यवस्था, माताओं बहनों की सुरक्षा, युवाओं का रोजगार, कारोबार, बिजली का उजाला, सड़क का हाल, स्वास्थ्य और शिक्षा का हाल डाउन है। अगर कुछ अप है तो वह है अपराध, भ्रष्टाचार, असुरक्षा, दंगा, मां बहनों पर अत्याचार, बेरोजगारी, गरीबी, बीमारी, शिशु मृत्यु, स्कूल छोड़ने वालों की संख्या, पलायन करने वालों की संख्या…. और अखिलेश कहते हैं कि काम बोलता है। यह काम बोलता है कि कारनामे बोलते हैं।

उन्होंने कन्नौज के आलू उत्पादक किसानों की नब्ज पकड़ते हुए कहा कि यहां का किसान आलू की खेती करता है। पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी की बहू (डिम्पल यादव) ने आलू के प्रसंस्करण के लिये कारखाना लगाने का वादा किया था। वह कारखाना नहीं लगा लेकिन वह चुनाव जीत गयीं। क्षेत्र की जनता उनसे हिसाब लेगी कि नहीं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा, ‘कांग्रेस में एक ऐसे नेता हैं, जो आपके पास वोट मांगने आये हैं। वह आलू की फैक्टरी लगाने की बात करते हैं। उन्होंने किसानों की यात्रा निकाली और भाषण किया। उन्हें इतना ज्ञान नहीं है कि आलू खेत में होता है, ना कि फैक्टरी में। कैसे लोग किसानों के नाम पर बातें करते हैं, यह उन्हें शोभा नहीं देता है।’

उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस बार अपने चुनाव घोषणापत्र में आलू, प्याज और लहसुन को सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने का वादा किया है। आलू के किसान को मरने नहीं दिया जाएगा। साथ ही छोटे किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। यह काम भाजपा की सरकार बनते ही सबसे पहले किया जाएगा। मोदी ने कहा कि देश की जनता ने नोटबंदी के कदम का समर्थन किया है और उड़ीसा, चंडीगढ़ और महाराष्ट्र में हुए विभिन्न निकायों के चुनावों तथा उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में भाजपा की जीत इसकी निशानी है।

उन्होंने कहा कि समाजवाद की बात करने वाले, इंदिरा गांधी के जमाने से गरीबी हटाओ की माला जपने वाले लोग खोखले और झूठे हैं। कोई भी सरकार गांव, गरीब, पीड़ित शोषित, महिला, युवा के लिये समर्पित होनी चाहिये लेकिन चुनाव आते ही ये लोग गरीब की बात करते हैं, लेकिन ना तो उनके लिये कुछ सोचा और ना ही किया। मोदी ने कहा कि केन्द्र में उनकी सरकार ने अन्न सुरक्षा के तहत उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह अपने राज्य के गरीब परिवारों की सूची तैयार करे, ताकि केन्द्र उन्हें भोजन दिलाने के लिये धन उपलब्ध करा सके, लेकिन वह उसकी सूची तक नहीं दे पायी।

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