केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मंगलवार को लोकसभा में चार राजनीतिक दलों ने एक साथ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है। सोमवार को चौथे राजनीतिक दल के तौर पर सीपीएम सांसद मो.सलीम ने लोकसभा के महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
लोकसभा में सरकार को घेरने के लिए उसकी सहयोगी रही तेलगूदेशम पार्टी और राज्य के दूसरे दल वाईआरएस कांग्रेस ने पहले से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे रखा है। हालांकि सदन में शोरशराबे के चलते उनके नोटिस पेश नहीं हो सके हैं।
वहीं शुक्रवार को कांग्रेस की ओर से भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है जिसमें मंत्रिमंडल के प्रति अविश्वास जताया गया है। कांग्रेस ने 27 मार्च को इसे एजेंडे में शामिल करने का नोटिस दिया है। सोमवार को सरकार के खिलाफ चौथा अविश्वास प्रस्ताव सीपीएम ने दिया है।
लोकसभा में भाजपा-एनडीए के सदस्यों की संख्या के मद्देनजर अविश्वास प्रस्ताव का प्रभाव सरकार पर तो नहीं पड़ेगा लेकिन जिस समय विपक्षी दल संसद के बाहर सरकार के खिलाफ एकजुटता की तैयारी में जुट रहे हैं लोकसभा के भीतर प्रचंड बहुमत वाली सरकार को एक साथ चार दलों की ओर से अविश्वास का सामना करना पड़ेगा।