बहराइच NOI। हिमालय की तलहटी में बसा सीमावर्ती जिले बहराइच का इलाका दुर्लभ जानवरों की तस्करी करने वाले गिरोह का सबसे मुफीद इलाका साबित हो रहा है। जिले में दुर्लभ किश्म के जानवरों के अंगो से तरह तरह की शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में भी इनका इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। अमेठी जिले में एस.टी.एफ टीम की छापेमारी के दौरान 115 बोरों में छुपाकर तस्करी के लिए रखे गए 44 कुंटल दुर्लभ कछुओं की खेप बरामद होने का मामला अभी पूरी तरह से ठंडा नही हुआ की बहराइच जिले में भी जंगली जानवरों को ट्रेंकुलाईज कर तस्करी करने का मामला सामने आया है। जिसकी पड़ताल के लिए पुलिस टीम सरगर्मी से जुटी हुयी है।
कतर्नियां जंगल जैसे सेंचुरी रेंज से जानवरों का आखेट करने का सिलसिला कोई नया खेल नहीं। इस जंगल से न जाने कितने दुर्लभ जीव शिकारियों के हाथो शिकार हो चुके हैं। जिनमें तमाम शिकारियों को गिफ्तार कर जेल की सलाखों में पहुंचा दिया गया है। उसके बावजूद सेंचुरी रेंज से जानवरों की तस्करी करने का कारवां थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी कड़ी में बहराइच के कतर्नियां जंगल के अंदर विचरण करने वाले दुर्लभ किश्म के जंगली सुवरों का शिकार करने का मामला सामने आया है। जिसमें अज्ञात शिकारियों के गिरोह द्वारा ट्रेंकुलाईज कर बेहोशी की हालत में रस्सियों के फंदे में बुरी तरह बंधक बने 9 जंगली सुवरों को बरामद किया गया है। कोतवाली देहात इलाके के चिलवारिया क्षेत्र से गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस की डायल 100 की टीम ने एक अहाते में बंधी हालत में मौके से 9 जंगली सुवरों की खेप को बरामद कर वन विभाग के सुपुर्द किया गया है।
इस प्रकरण पर जिले के पुलिस अधिक्षक सालिक राम वर्मा का कहना है की बहराइच जिले में जरूर कोई बाहरी शिकारियों का गिरोह दाखिल हो चुका है जो कतर्नियां जंगल जैसे जंगली इलाकों में विचरण करने वाले दुर्लभ किश्म के जानवरों का शिकार कर तस्करी के धंधे को अंजाम देने का काम कर रहा है,इस मामले के लिए S.P बहराइच ने पुलिस और खूफिया विभाग की टीम लगाकर शिकारियों के गैंग से जुड़े सदस्यों को जल्द से जल्द पकड़ने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं, अब देखना है की सीमावर्ती जिले के जंगलों में विचरण करने वाले जंगली जानवरों का शिकार करने वाला गिरोह आखिर कब तलक पुलिस के बिछाए जाल में फंसता है।