हिन्द न्यूज़ डेस्क|अब तक कई अजीबोगरीब चीजों पर पाबंदी के बारे में सुना होगा. लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि मौत पर भी पाबंदी लग सकती है. सुनकर ही विश्वास नहीं होता क्योंकि कि मौत एक ऐसा सत्य है जिसको कोई नहीं बदल सकता. जिसने भी जन्म लिया है वह एक दिन जरुर मरेगा. लेकिन ये सच है एक जगह ऐसी भी है जहां पर किसी को भी मरने नहीं दिया जाता है.
यहां पर है पाबंदी
नार्वे के छोटे से शहर लॉन्गइयरबेन में प्रशासन प्रकृति के नियम में हस्तक्षेप कर रहा है. यहां पर रहने वाले किसी भी इंसान को यहां मरने की इजाजत नहीं है. नार्वे और उत्तरी ध्रुव के बीच स्थित इस आईलैंड पर खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है. सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान इतना कम हो जाता है कि जिन्दगी मुश्किल हो जाती है. 2000 के आबादी वाले इस शहर में लोगों को मरने की अनुमति नहीं है. प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाए जाने के बाद पिछले 70 साल से यहां कोई मौत नहीं हुई है.
पाबंदी का है ये कारण
इसके पीछे एक बड़ी वजह है. यहां पर कड़ाके की ठंड पड़ती है. इस वजह से डेड बॉडी सालों तक वैसी ही पड़ी रहती है. ठंड की वजह से वो ना वो गलती है ना ही सड़ती है. सालों तक शव वैसे का वैसा ही रह जाता है. इस शोध में ये पाया गया कि साल 1917 में जिस शख्स की मौत इनफ्लुएंजा की वजह से हुई उसके शव में इनफ्लुएंजा के वायरस जस के तस पड़े थे. जिससे बीमारी फैलना का खतरा मंडराने लगा. इसके बाद प्रशासन ने इस शहर में मौत पर पाबंदी लगा दी.