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Friday, October 11, 2024

यहां पानी के लिये तरस रहे किसान, सरकार से नहीं मिल रही कोेई मदद


कानपुर देहात. जहां एक ओर यूपी की योगी सरकार सूबे में किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चलाने के साथ फसलों की सिंचाई के लिए रजवहे में टेल तक पानी पहुंचने के बड़े-बड़े दावे कर रही हैं। लेकिन उनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं। न तो रजवहों में टेल तक पानी पहुंचा और न ही रजवहों की सफाई हुई हैं। जिसके चलते किसानों को महंगी दरो में नलकूपों से सिंचाई करने को मजबूर होना पड़ रहा हैं। इतना ही नहीं कई रजवहे ऐसे भी हैं, जो 30 सालों से साफ नहीं किये गये और न ही इनमें पानी आया हैं। जिससे हजारोंं बीघा सिंचित होने वाली फसल प्राइवेट नलकूपों के भरोसे हो गये। जिससे एक बार फिर सरकारों के किसानों के हितों के लिए किये गये कार्यों एवं सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़े जाने की हकीकत को बयां कर रहा हैं। वहीं जिम्मेदार केवल जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। साथ ही रजवहों में पानी न आने के लिए कुंभ मेले में पानी की अवश्यकता को मान रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल यूपी के जनपद कानपुर देहात के रजवहों का हैं। जहां रजवहों की न तो सफाई हुई और न ही पानी आया हैं। मजबूरन किसानों को प्राइवेट नलकूपों के सहारे फसलों की सिंचाई करने को मजबूर होना पड़ रहा हैं।

जनपद कानपुर देहात के भोगनीपुर स्थित निचली गंगा नहर के प्रखण्ड माचा रजवहे का आलम ये है जो अधिकारी बताते है कि जहां झाड़ियों में तब्दील ये रजवहा गंदगी से लैस वहीं शराब की खाली बोतलों का अड्डा बना है। 30 वर्षों से सूखा पड़ा ये रजवहा, सरकार के टेल तक पानी पहुंचाने के दावों की हकीकत बयां करता ये रजवहा, पानी न आने की वजह से मंहगी दरों में नलकूपों से सिंचाई करने को मजबूर ये किसान, रजवहो में पानी न आने की वजह ये समस्याएं ही हैं । जिसमें करीब तीस सालों से न तो पानी आया और न ही सफाई की गई। इतना ही नहीं यह रजवहे अब कूड़े की डेरों में तब्दील हो गये हैं और रजवहे में हर तरफ झाड़ियां ही झाड़ियां खड़ी हैं। इन 30 सालों में कई सरकार बदली लेकिन इस रजवहे के हालात वैसे के वैसे ही बने रहे। सपा, बसपा और भाजपा की सरकारें बनी किसानों के हितो के लिए कार्य करने के दावे किये लेकिन जमीनी हकीकत नहीं बदली। इतना ही नहीं मौजूदा यूपी की योगी सरकार के वादों के बाद भी इस रजवहे और यहां के किसानों के हालात नहीं बदले। यहां के किसानों को केवल कोरा आश्वासन ही मिला। न मिला रजवहे में पानी और न ही नलकूपों से।
हालात ऐसे हो गये कि जिन किसानों के पास केवल रजवहे के पानी का सहारा था, उनकी खेती खाली पड़ी हैं और वे भूखमरी की कगार में आ गये हैं। तीन फसलों वाला क्षेत्र अब एक फसल करने को मजबूर हैं। किसानों की माने तो 30 सालों में कई सरकारे आई लेकिन किसी का इस ओर ध्यान ही नहीं गया। जब यूपी में योगी सरकार बनी तो उनके वादों के चलते यहां के किसानों के दिलों में आशा जगी कि अब शायद इस रजवहे की अब सफाई होगी और इसमें पानी आयेगा। जिससे एक बार फिर से यहां तीन फसले होगी और यहां के किसानों के हालात बदलेगे। लेकिन 9 माह बीत गये योगी सरकार का इस ओर ध्यान ही नहीं गया। न ही अधिकारियों के रवैये में बदलाव आया। किसी को किसानों की चिन्ता नहीं। अन्नदाता की ऐसी स्थिति और सरकारो की कार्य शैली उन दावो की हकीकत बयां करती हैं, जिसमें किसानों के लिए हर समय पानी, सिचाई के लिए पानी फ्री की बात कहीं गई।
वहीं नहर विभाग के जिम्मेदारो ने भी इस बात को स्वीकार किया कि 30 वर्षो से इस रजवाहे में पानी नहीं आया और न ही इसकी सफाई हुई हैं। इसके लिए उन्होने सरकार और विभागीय अधिकारियों की अनदेखी को माना हैं। साथ ही विभागीय और सरकार की नमक की दुहाई देते हुए कुछ भी बोलने से कतराते रहे। विभागीय कर्मचारियों के कथन से एक बार फिर से नहर विभाग के अधिकारियो और सरकार की कार्यशैली को सवालो को घेरे में ला दिया हैं।
वहीं जिले के जिलाधिकारी की माने तो उन्हे इसकी जानकारी ही नहीं कि कोई ऐसा रजवहा हैं भी जिसमें करीब 30 वर्षो से पानी आया ही नही। साथ ही जनपद के रजवाहों में पानी न आने का कारण कुंभ मेले को बताया हैं। वहीं रजवहे की 30 वर्षो से सफाई न होने और पानी न आने के मामले को गम्भीर मानते हुए मौके की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही।

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