नई दिल्ली। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में एक ऐसी यूनिवर्सिटी भी है, जो लड़कियों को lesbian बनाना चाहती है। यहां लड़कियों को लड़कों से मिलने पर सजा मिलती है। कई महीनों से दिल्ली यूनिवर्सिटी की लड़कियां एक कैंपेन चला रही हैं। जिसका नाम उन्होंने ‘पिंजरा तोड़’ रखा है।
इस ‘पिंजरा तोड़’ कैंपेन के नियम देख आपको यकीन हो जाएगा कि यहां सभी लड़कियों को lesbian बनाए जाने की कोशिश हो रही है। नियम पढ़कर विश्वास ही नहीं हुआ कि ये रियल है। थोड़े समय पता चला कि ये असली नियम हैं।
नियम के मुताबिक लड़कियों को लड़कों से मिलने न दे। मतलब जरूर लड़कों से कोई तकलीफ होगी। इसका मतलब कॉलेज यही चाहता है कि सभी लड़कियां लेस्बियन हो जाएं, हैं न?
हॉस्टल के नियमों के खिलाफ, जो रहने वाली लड़कियों को दीवारों के अंदर कैद करते हैं। बीते दिनों सुनने में आया कि भोपाल के एक हॉस्टल में ऐसा नियम है कि लड़की अगर लेट हो जाए, तो उसे हॉस्टल की लॉबी में सोना पड़ता है।
इसी सीरीज को जिंदा रखते हुए मंगलौर के सेंट एलॉशियस कॉलेज ने लड़कियों के लिए नियम बनाकर हग दिया है। जिसके बारे में कॉलेज की ही एक एक्स-स्टूडेंट ने अपने ब्लॉग पर लिख लोगों को बताया।
डीन ने कहा कि इस तरह पढ़ाई करना गलत बात है। ये कॉलेज है, यहां लड़के-लड़कियों का साथ पढ़ना यहां की मर्यादा के खिलाफ है। सत्श्या ने बताया कि किस तरह स्टूडेंट्स को बुली किया जाता रहा। किस तरह उन्हें एक दूसरे से मिलने, बात करने की फ्रीडम नहीं थी।