लखनऊ| सरकार की कोशिश है कि यूपी के होनहारों को नौकरी के लिए बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और दिल्ली-मुंबई का रुख न करना पड़े। नई औद्योगिक नीति में इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है कि डिवेलपमेंट सिर्फ नोएडा या एनसीआर तक ही सीमित न रहे। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में बड़ी कंपनियों और निवेशकों की राज्य सरकार काफी मदद करेगी। ताकी वे वहां उद्योग लगा सकें। नई सरकार का एक महीना पूरा होने के मौके पर राज्य के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी स्कूल, कॉलेजों को जल्द ही लोग एकदम बदले हुए रूप में देखेंगे।
योगी सरकार और आप लोगों से यूपी की जनता की अपेक्षाएं काफी ज्यादा हैं, कैसे पूरी करेंगे?
हमारी टीम में यूपी को बदलने के लिए एक जुनून है। हर मंत्री विधायक के मन में कुछ करने की ललक है। आप देख ही रहे होंगे कि सीएम से लेकर मंत्री और विधायक तक सुबह छह बजे से रात दो बजे तक लोगों के कामों के लिए सक्रिय हैं। हमनें इतने कम वक्त में 86 लाख किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया। आलू खरीद नीति, खनन नीति, गेहूं का समर्थन मूल्य और खरीद केंद्रों के बारे में महत्वपूर्ण फैसले किए हैं।
कामकाज की सराहना हो रही है पर लोगों के मन में सवाल है, सरकार तो बदल गई पर भ्रष्टाचार करने वाले कई नामीगिरामी अफसर अब तक आखिर कैसे जमे हैं?
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस हमारी नीति है। खुद मुख्यमंत्री योगीजी इस तरह के मामलों पर नजर रखे हैं। आप देखते जाइए, सरकार सही समय पर सही फैसले लेती जाएगी। भ्रष्टाचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई तय है। नतीजे जल्द सामने होंगे।
यूपी के नौजवानों को कब तक नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में भटकना होगा?
नई औद्योगिक नीति में इसी बात का ध्यान रखा जा रहा है। उद्योगों और स्थानीय स्तर पर रोजगार को जोड़ा जाएगा। नई नीति पर मेरे साथ कैबिनेट के वरिष्ठ साथी श्रीकांत शर्मा, सतीश महाना, राजेश अग्रवाल, नंदगोपाल नंदी और सुरेश राणा मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश होगी कि यूपी के होनहार नौजवानों को अब ज्यादा समय नौकरी के लिए बाहर भटकना न पड़े।
पर बड़ी इंडस्ट्री या निवेशक यूपी आना क्यों चाहेंगे? कानून-व्यवस्था और बिजली की हालत ठीक नहीं है।
कानून-व्यवस्था और बिजली दोनों ही सेक्टर में गुणात्मक बदलाव होंगे। यहां उद्योगों को अब 24 घंटे बिजली मिलेगी। उद्यमियों के लिए अलग पुलिस चौकी होंगी। एक आईपीएस अफसर की तैनाती सिर्फ निवेशकों व उद्यमियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए होगी। इसके अलावा तमाम तरह की दूसरी रियायतें भी मिलेंगी। मिसाल के तौर पर जमीन, बैंक लोन और सिंगल विंडो सिस्टम आदि। हाल ही में हमारी सैमसंग, वोडाफोन और ओपो आदि कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात हो चुकी है। सभी ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है।
क्या बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे पिछड़े इलाकों तक भी निवेश हो पाएगा?
हमारी यह कोशिश भी है कि यूपी में निवेश करने वालों को पूर्वांचल और बुंदेलखंड में इंडस्ट्री लगाने पर कुछ अतिरिक्त सुविधाएं व छूट दी जाएं। ताकि उद्योग धंधे सिर्फ नोएडा या एनसीआर तक सीमित न रहें। जब उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों तक औद्योगिकीकरण नहीं पहुंचेगा, सम्पूर्ण विकास नहीं हो सकता। बुंदेलखंड पर हमारी सरकार का पूरा ध्यान है। मुख्यमंत्री जी समीक्षा बैठकों की शुरुआत भी इसी क्षेत्र से करेंगे।
सरकारी पढ़ाई कैसे सुधरेगी, खासतौर पर माध्यमिक शिक्षा ?
हमारी कोशिश है कि 220 दिन स्कूल खुलें। इसमें दो सौ दिन पढ़ाई हो और बीस दिन इसलिए रखे जाएं ताकि बच्चों को कुछ समझ न आया हो तो वह टीचरों से दोबारा पूछ सकें। राजकीय कॉलेजों में अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाएंगी ताकि उन्हें महंगी कोचिंग की जरूरत न रहे। निजी स्कूल कॉलेजों की फीस कम कराने की दिशा में काम चल रहा है। शिक्षा का स्तर कैसे सुधारा जाए इसके लिए सुझाव भी मांगे गए हैं। कई दूसरे राज्यों के शिक्षा मॉडलों का अध्ययन भी किया जा रहा है।
तबादलों और मान्यता आदि देने में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है?
जी हां, इसकी जानकारी है। भ्रष्टाचार दूर करने के लिए कुछ ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार किए जा रहे हैं। तबादलों में अब इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि शिक्षकों को यथासंभव उनके घर के आसपास तैनाती मिले। करप्शन की शिकायत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।