इलाहाबाद जवाहर पंडित हत्याकांड के आरोप में बीते चार सालो से सलाखों के पीछे भाजपा के कद्दावर नेता को कोर्ट के आदेश पर एक हफ्ते के लिए पेरोल पर रिहायी दी गई है। बीते चार सालो में दूसरी बार पेरोल पर एक सप्ताह के लिये बाहर आये है। भाजपा नेता के पेरोल की सूचना पर नैनी जेल से उनकी कल्याणी कोठी तक समर्थको का हुजूम उमड़ पड़ा ।इसके पूर्व अपनी मां की वार्षिकी में हिस्सा लेने के लिये पेरोल दी गई थी। 11 फरवरी को फिर से इन्हें को कोर्ट में फिर समर्पण करना होगा। बता दें की विधायक जवाहर पंडित हत्या काण्ड में आरोपी बनाये गये करवरिया बंधू चार साल से जेल में बंद है। जिनमे से पूर्व विधायक उदय भान करवरिया को पेरोल मिली है। बता दें की उदयभान की पत्नी नीलम करवरिया करछना विधायक से भाजपा विधायक है।
जिले में पहली बार चला था अत्याधुनिक हथियार
विधायक जवाहर पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 को इलाहाबाद के सिविल लाइंस में गोली मार कर दी गई थी जवाहर पंडित उस समय तत्कालीन झूंसी विधान सभा से विधायक थे ।जवाहर पंडित के साथ इस हमले में उनके साथ दो अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी । उस समय के जानकारों की माने तो इलाहाबाद में पहली बार किसी की हत्या के लिए एके 47 का इस्तेमाल किया गया था । यह भी कहा जाता है, कि हत्या के लिए किराये के शूटरों केा सुपारी दी गई थी । इसके पीछे बालू खनन शराब के कारोबार और सियासी वर्चस्व होने की बात सामने आयी थी । इस मामले में दिग्गज करवरिया परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था । जवाहर पंडित के परिजनों की ओर से कपिल मुनि करवरिया उदयभान करवरिया और सूरजभान करवरिया को मुख्याभियुक्त बनाया गया था।
करवरिया बंधू से योगी सरकार ले सकती है केस वापस
करवरिया बंधूओ की जिले में राजनितिक साख इस कदर है ,की इनके सामने बड़े बड़े चीत्त हो जाते है।कपिलमुनि करवरिया फूलपुर से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने उदयभान करवरिया भाजपा के टिकट पर बिधायक और सूरजभान सपा से एमएलसी बने थे।वहीं जवाहर पंडित की सीट से उनकी पत्नी विजमा यादव कई बार विधायक बनीं । इस मामले की दो बार सीबीसीआईडी जांच हुई । और दोनों बार इसकी जांच रिपोर्ट अलग अलग आयी ।अब बीते दिनों चर्चा रही की भाजपा की योगी सरकार ने जिले अधिकारी से पुरे मामले में आख्या मांगी है । केस वापस लिया जा सकता है। इस मामले में कपिलमुनि और सूरजभान ने सरेंडर किया था । पूर्व विधायक उदयभान सहित तीनों भाई तीन साल से जेल में हैं। जिले और प्रदेश का यह हाई प्रोफाइल चर्चित हत्या काण्ड़ मामले का ट्रायल चल रहा है।
साक्ष्य गायब होने पर फिर सुर्खियों में आया मामला
बता दें की जवाहर पंडित हत्या काण्ड़ की सुनवाई शुरू होने के बाद कई बार साक्ष्य पेश करने का आदेश दिया गया। साक्ष्य के रूप में सदर मालखाने में हत्याकाण्ड से जुड़ी परिक्षण रिपोर्ट बुलेट और कारतूस और कई चीजें साक्ष्य के रूप में रखी थी । जिसे आदेश के बाद भी कोर्ट के समक्ष नही पेश किया गया । इस मामले में तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ के मुकदमा दर्ज किया गया है। इस्ंपेक्टर सिविल लाइन महेश पान्डेय ने साक्ष्यो के ना मिलने पर सीबीसीआइडी बाराणसी में तैनात इस्ंपेक्टर एके निगम इलाहाबाद के सिपाही मो0 कलीम तत्कालीन मालखाना प्रभारी हरिराम चैधरी के खिलाफ मुकदमा लिखा है। विघायक हत्या काण्ड़ के बाद सिविल लाइन थाने के माल खानें में रखें गए उनके कपड़े को दिमक खा गए ।
पेरोल की सुचना से विरोधी खेमा सतर्क
जिले की राजनीती में अपनी हनक और धाक रखने वाले करवरिया के सालो बाद बाहर आने की सुचना पर विरोधी सतर्क तो वही चाहने वालो में ख़ुशी का ठिकाना नही रहा ।समर्थक इतने खुश की मानो रिहाई ही हो गई हो । कल्याणी कोठी पर हजारो समर्थक पहुंचे । प्रशासन विरोधियो और समर्थको पर नजर बनाये हुए है । प्रशासन पूरी सतकर्ता बरत रहा है । इस दौरान पूरा करवरिया परिवार कोठी पर एक जुट रहा साथ ही परिवार की राजनितिक विरासत सम्भाल रही विधायक नीलम करवरिया भी बेहद खुश दिखी।