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Thursday, September 12, 2024

यूपी चुनावः क्या 24 साल बाद गठबंधन को दोहराएगी सपा-बसपा


नई दिल्ली। एग्जिट पोल के नतीजों के बाद सीएम अखिलेश के बयान से यूपी के राजनीतिक गलियारों में सपा-बसपा के गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। अखिलेश के संकेत से एक बार फिर करीब 24 पहले बनी दो दलों की दोस्ती की याद ताजा हो गई है। अखिलेश यादव के बयान के बाद जहां दोनों दल सपा- बसपा के अलावा कांग्रेस सफाई दे रहीं है, वहीं 1995 का गेस्ट हाउस कांड एक बार फिर सुर्खियों में है।

अखिलेश यादव ने संकेत दे दिए हैं कि यदि जरूरत पड़ी तो वह बीएसपी के साथ हाथ भी मिला सकते हैं। यानी अखिलेश यादव और मायावती एक दूसरे के साथ गठबंधन कर सकते हैं। हालांकि बसपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह चुनाव नतीजों के बाद जरूरत के आधार पर अपना फैसला करेंगे।

वर्तमान परिदृश्य में यदि एग्जिट पोल पर भरोसा करें तो यूपी में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। एेसे में सपा, बसपा अौर भाजपा में किसी दो दल को सरकार बनाने के लिए साथ अाना पड़ सकता है। कुल मिलाकर इन परिस्थितियों में मायावती ‘किंग मेकर’ की भूमिका में देखी जा रहीं है। हालांकि मायावती का इतिहास यह बताता है कि वह समर्थन देने में बहुत उदार नहीं रही हैं और उनकी शर्तें सपा और भाजपा के लिए कठिन चुनौती साबित होगी। 

1993 में मुलायम और कांशीराम ने मिलकर लड़ा था चुनाव
गौरतलब 1992 में समाजवादी पार्टी के गठन के एक साल बाद हुए चुनाव से पहले सपा ने बसपा के साथ रणनीतिक गठबंधन किया था। उस वक्त बसपा की कमान कांशीराम के पास थी। उस समझौते के तहत सपा और बसपा ने क्रमश: 256 और 164 सीटों पर चुनाव लड़ा था। नतीजतन दोनों दलों को क्रमश: 109 और 67 सीटें मिली थीं। लेकिन यह दोस्ती बहुत लंबे समय तक नहीं चली और मई,1995 में बसपा ने मुलायम सिंह की सरकार से अपना समर्थन खींच लिया।

गेस्टहाउस कांड

समर्थन वापसी के बाद सरकार को बचाने के लिए जोड़-घटाव किए जाने लगे। ऐसे में जब बात नहीं बनी तो नाराज सपा के कार्यकर्ता और विधायक लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस पहुंच गए, जहां मायावती कमरा नंबर-1 में ठहरी हुई थीं। 2 जून 1995 के दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो हुआ वह शायद ही कहीं हुआ होगा। मायावती पर गेस्ट हाउस के कमरा नंबर एक में हमला हुआ था। 2 जून 1995 को मायावती लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर एक में अपने विधायकों के साथ बैठक कर रही थीं। तभी दोपहर करीब तीन बजे कथित समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भीड़ ने अचानक गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया

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