लखनऊ : अपने स्थापना के 68वें वर्ष में उत्तर प्रदेश बुधवार को अपना पहला ‘जन्मदिन’ मनाएगा। अपनी पहले कैबिनेट के फैसले को चरितार्थ करते हुए योगी सरकार बुधवार से तीन दिवसीय यूपी दिवस समारोह का आयोजन करने जा रही है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की उपस्थिति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का आगाज यूपी दिवस पर करेंगे। योगी सरकार का योजनाओं के लिहाज से यह अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है। शिल्पग्राम में होने वाले आयोजन के निमंत्रण पत्र पर तीन शब्द खास तौर पर उकेरे गए हैं- ‘नव निर्माण, नवोत्थान और नव कार्य-संस्कृति’। सरकार ने आयोजनों का गुलदस्ता कुछ यूं सजाया है कि वास्तव में पहला यूपी दिवस प्रदेश के ‘नव निर्माण’ का खाका खींचता दिखे। गांव, शहर, किसान, नौजवान, उद्योग, शिक्षा, सेहत, ऊर्जा, संस्कृति सहित समाज के हर क्षेत्र और विकास के हर पहलू को आयोजन से जोड़ा गया है। हालांकि, ‘संकल्प से सिद्धि’ के दावे के साथ किए जाने वाले इन आगाज का असर नापने के लिए अमल को कसौटी पर कसना होगी।
इसलिए अहम है 24 जनवरी
आजादी के पहले अपना प्रदेश युनाइटेड प्रोविंस (यूपी) या संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद 24 जनवरी 1950 को इसका नामकरण उत्तर प्रदेश हुआ। इस तिथि को ही प्रदेश की स्थापना दिवस मानते हुए पहली बार यूपी दिवस के आयोजन की परंपरा शुरू की गई है। राज्यपाल राम नाईक ने इसके आयोजन की सलाह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी दी थी, लेकिन अमल में इसको योगी आदित्यनाथ ला सके।
यूं सजेगी आयोजनों की लड़ियां
इतिहास और संस्कृति
बुधवार को यूपी दिवस का आगाज इतिहास और संस्कृति के पन्नों को पलटता हुआ दिखाई देगा। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू यूपी के गठन पर अभिलेख प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। इसी कार्यक्रम में प्रदेश की संरचना को संजोए संस्कृति विभाग का ऐप भी लॉन्च होगा। एक क्लिक पर यूपी की सांस्कृतिक धरोहर लोगों के सामने होगी। इन्हें देख, पढ़ और समझ कर अपने इतिहास और वर्तमान के गौरव पूर्ण क्षणों से रूबरू हुआ जा सकेगा। समारोह के आखिरी दिन 26 जनवरी को पूरी देश में नाम करने वाली प्रदेश की महान विभूतियों का सम्मान भी होगा। हर शाम विभिन्न विधाओं के मंच से सजेगी।
उद्योग और युवाओं पर फोकस
यूपी का हर शहर अपनी अलग सांस्कृतिक और औद्योगिक विशेषता को समेटे हुए है। ऐसे में सरकार ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना की लॉन्चिंग के जरिए हर शहरों को अपने आप में एक ‘औद्योगिक क्लस्टर’ के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। जिलों की इन विशिष्टताओं को समेटे स्टॉल भी समारोह में दिखेंगे। आगरा का पेठा, लखनऊ का चिकन व जरदोजी, मेरठ के खेल उत्पाद, बनारस का सिल्क और कन्नौज का इत्र तो आपने सुना होगा, लेकिन जौनपुर का प्रेशर कुकर, रामपुर का पैचवर्क, बुलंदशहर के बर्तन, औरैया का देशी घी, ललितपुर की कृष्ण मूर्ति, महराजगंज के फर्नीचर से लेकर हर जिले की उद्यम के लिहाज से अलग पहचान से एक साथ पूरा प्रदेश रू-ब-रू होगा। इसके अलावा मुद्रा योजना के अंतर्गत उत्पादों के विकास के लिए उद्यम स्थापित करने वालों को लोन का चेक भी मिलेगा। 26 को खास आइडियाज लेकर आए युवाओं को इनाम से नवाजा जाएगा तो बेहतर कार्य करने वाले हस्तशिल्पी भी पुरस्कृत होंगे।
किसानों और सेहत का विशेष ध्यान
किसानों को अपनी प्राथमिकता में रखने का दावा करने वाली सरकार ने यूपी दिवस के आयोजन में भी इसका विशेष ध्यान रखा है। आयोजन के दूसरे दिन गुरुवार को कृषि प्रदर्शनी के साथ कृषि विभाग की नई वेबसाइट भी शुरू की जाएगी। मंडी समितियों के ट्रेडर्स और कमिशन एजेंट के लिए ई-लाइेंसस की सुविधा भी इसी दिन शुरू होगी। बाजार में किसानों को प्रतिस्पर्धी मूल्य की जानकारी मिल सके, इसके लिए ‘बाजार मूल्य की खोज’ नाम से वेबसाइट भी लॉन्च होगी। अच्छा काम करने वाले किसान व कृषि नर्यातक भी सम्मानित होंगे। कृषि संयंत्रों के लिए चयनित किए गए लाभार्थियों को प्रमाणपत्र का वितरण भी इसी मंच से होगा। कुपोषण से जूझ रहे जिलों में योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए ‘पोषण एप’ लॉन्च किया जाएगा। कई जिलों में सीटी स्कैन और डायलिसिस की सुविधा भी मरीजों को बुधवार से मिलने लगेगी।
गांव और शहर का बराबर विकास
विकास का पहिया गांव और शहर दोनों में बराबर घूमे, इसका शोकेस भी यूपी दिवस में दिखेगा। स्वच्छ और सुलभ ऊर्जा के दावे के साथ उद्घाटन सत्र में ही सोलर पॉलिसी लॉन्च होगी। लखनऊ को कई विकास योजनाएं भी मिलने की उम्मीद है। वहीं, समग्र ग्राम विकास योजना के जरिए बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांवों को भी मुख्यधारा में लाने की शुरुआत होगी। पहले दिन ही पंचायती राज और नगर विकास विभाग स्वच्छता अभियान के प्रयासों का ब्योरा रखेंगे। इसके अलावा चकबंदी विभाग की वेबसाइट और उससे जुड़े मुकदमों का डेटा कंप्यूटराइज्ड किए जाने का भी आगाज होगा। तीन दिन के आयोजन में शिक्षा विभाग भी अपनी प्रदर्शनियों के जरिए अभिनव पहल जनता से साझा करेगा।
ये राज्य मनाते हैं स्थापना दिवस
नगालैंड : 1 जनवरी
मणिपुर : 21 जनवरी
मेघालय : 21 जनवरी
त्रिपुरा : 21 जनवरी
जम्मू-कश्मीर : 6 फरवरी
अंडमान निकोबार : 11 मार्च
बिहार : 22 मार्च
राजस्थान : 30 मार्च
उड़ीसा : 1 अप्रैल
तमिलनाडु : 14 अप्रैल
हिमाचल प्रदेश : 15 अप्रैल
महाराष्ट्र : 1 मई
गुजरात : 1 मई
सिक्किम : 16 मई
पंजाब : 1 नवंबर
हरियाणा : 1 नवंबर
केरल : 1 नवंबर
छत्तीसगढ़ : 1 नवंबर
मध्य प्रदेश : 1 नवंबर
कर्नाटक : 1 नवंबर
आंध्र प्रदेश : 1 नवंबर
उत्तराखंड : 9 नवंबर
झारखंड : 15 नवंबर
तेलंगाना : 2 जून
गोवा : 19 दिसंबर