समाजवादी पार्टी का कहना है कि लोकतंत्र बिना विपक्ष कल्पना से परे हैं किन्तु इन दिनों तो असहमति की आवाज को कुचलने की ही साजिशें हो रही हैं। स्थिति यह है कि कोई अपनी पीड़ा बताना भी चाहे तो सुनने वाला कोई नहीं है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा राज में अभी 6 महीने भी नहीं हुए हैं, लेकिन पूरे प्रदेश में असंतोष व्याप्त हो चला है। विरोध में नारे लगाना, काला झण्डा दिखाना या धरना-प्रदर्शन अहिंसात्मक तरीका जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है। इसे सत्तारुढ़ दल गैरकानूनी मानकर दंडित करना चाहता हैं लोकतांत्रिक व्यवस्था में संकीर्णता के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता हैं उसमें अधिकारों का विकेन्द्रीकरण होता हैं। प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था तो पहले से लचर थी ऊपर से सरकार के व्यवहार से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में फर्जी केसों में विपक्षियों को फंसाया जा रहा है। राज्य सरकार उत्पीड़न की कार्यवाही को बढ़ावा दे रही हैं। सत्ता प्रतिष्ठान पर बैठे लोगों को ज्यादा से ज्यादा लोकतांत्रिक आचरण का परिचय देना चाहिए। इस संबंध में अखिलेश यादव से राजनीतिक शिष्टाचार सीखा जा सकता है।