मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दर्जन भर मंत्रियों के साथ मेट्रो की सवारी की लेकिन चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार इन सबसे दूर रहे. वो लगातार अपने ऑफिस में मीटिंग पर मीटिंग करते रहे.
लखनऊ: यूपी के चीफ सेक्रेटरी राज्य के सबसे बड़े अधिकारी होते हैं. आम बोलचाल की भाषा में उन्हें चीफ साहब कहते हैं. इन दिनों यूपी में चीफ साहब को लेकर खूब चर्चा हो रही है. नेता से लेकर अफसर और बाबू तक सब ये पूछ रहे हैं, ”चीफ साहब ठीक तो हैं, दिखते नहीं है आज कल.”
राजीव कुमार यूपी के मुख्य सचिव हैं. वे हर दिन अपने ऑफिस आते हैं. शास्त्री भवन की पहली मंजिल पर उनका दफ्तर है, जबकि पांचवें फ्लोर पर यूपी के सीएम का ऑफिस है. किसानों का कर्जमाफी योगी सरकार का सबसे बड़ा फैसला रहा है. कैबिनेट की पहली ही बैठक में इस पर मुहर लग गई थी. अगस्त को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक भव्य कार्यक्रम में इस योजना की शुरुआत की. हजारों किसानों को कर्जमाफी के सर्टिफिकेट दिए गए. मंच पर योगी की पूरी सरकार मौजूद थी लेकिन चीफ साहब कहीं नज़र नहीं आए. ऐसे बड़े कार्यक्रमों में मुख्य सचिव हमेशा मौजूद रहते हैं लेकिन उनकी गैरमौजूदगी को लेकर खूब कानाफूसी हुई.
चीफ साहब के गायब रहने की ये चर्चा अभी थमी भी नहीं थी कि दोबारा ऐसा हो गया. यूपी मेट्रो रेल के उद्घाटन पर दिल्ली से गृह मंत्री राजनाथ सिंह, लखनऊ पहुँच गए. पांच सितंबर को धूम धाम से मेट्रो ट्रेन को रवाना किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दर्जन भर मंत्रियों के साथ मेट्रो की सवारी की लेकिन चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार इन सबसे दूर रहे. वो लगातार अपने ऑफिस में मीटिंग पर मीटिंग करते रहे.
इस तरह चीफ सेक्रेटरी के दूर रहने की वजह से एक बार फिर चर्चा जोरों पर हैं. बता दें कि दो महीने पहले ही दिल्ली से बुलाकर राजीव कुमार को यूपी का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था.