लखनऊ। दोपहिया, चार पहिया वाहन चलाते समय फोन पर बात करने पर 1 हजार रुपए का चालान, दोबारा पकड़े जाने पर 10 हजार का और बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर 1 हजार रुपए।
अधिकारी की बात न मानने पर 2 हजार रुपए, पार्किंग नियमों के उल्लंघन पर पहली दफा 500 रुपए और दूसरी बार 1500 रुपए का चालान। यह उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली के तहत बढ़ाई गई दरें हैं।
लेकिन मोटरयान नियम के दायरे में क्या पुलिसवाले नहीं आते या उन्हें नियम-कानून की कोई परवाह नहीं है। नियमों का पालन कराने वाले जब खुद उसका पालन न करें तो कार्रवाई कौन करेगा और अगर कार्रवाई करने वाले हैं तो कार्रवाई हो क्यों नहीं रही।
पत्रकारों के मुताबिक, कोरोनाकाल में चालान के नाम पर पुलिस की ज्यादतियां सातवें आसमान पर पहुंच चुकी हैं। वही पुलिस, जो बेफ्रिक होकर खुद मोटरयान नियमों की धज्जियां उड़ाने में लिप्त है।
नियम न तोड़ने वालों के भी काट रहे चालान
आरोप है कि बिना हेलमेट लगाए ड्राइविंग करने वाले, ट्रिपलिंग करने वाले, वाहन चलाते समय फोन बात करने वाले और मास्क न लगाने वाले पुलिसकर्मी यातायात का नियम तोड़ने वालों के चालान काट रहे हैं। नियम नहीं तोड़ने वाले लोगों पर भी चालान हो रहे हैं।
पत्रकारों ने छेड़ा ‘सत्याग्रह’
ऐसा तब है जब लखनऊ के पत्रकारों ने पुलिसिया चालान की ज्यादतियों से परेशान होकर पुलिस के खिलाफ ‘सत्याग्रह’ छेड़ा हुआ है। इसके तहत बिना हेलमेट, बिना मास्क लगाए और दो पहिया वाहन पर ट्रिपलिंग करने वाले पुलिसकर्मियों की तस्वीर खींचकर वायरल की जा रही हैं। उनकी तस्वीरों को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह और डीएम-कमिश्नर तक को टैग किया जा रहा है।
कहते हैं कि बावजूद इसके कोई सुधार दिख नहीं रहा। न पुलिसवालों की ज्यादतियां कम हुई हैं और न ही नियमों के प्रति उनकी आस्था में खास इजाफा हुआ है।
निकालने लगते हैं बाल की खाल
एक तरफ मोटरयान नियमावली के तहत जुर्माने की दरों का बढ़ाया जाना, दूसरी ओर आर्थिक तंगी के इस भीषण दौर में नियम पालन करने वालों का भी काटा जा रहा चालना, आम लोगों पर दोहरी मार की तरह है।
जिनके चालान काटे गए हैं, उनका कहना है कि उनके खिलाफ तो ‘बाल की खाल’ निकालने वाला रवैया अपनाया लेकिन अपने कर्मियों द्वारा तोड़े जा रहे मोटरयान नियमों के प्रति पुलिस प्रशासन आंख मूंदे है।
Story by Priyanshu. He is Ex. student of Indian Institute of Mass Communication (IIMC).