नई दिल्ली, एजेंसी । एक बार फिर ये बहनें सुर्खियों में है, नवंबर 2014 में इन्होने ऐसा काम किया था जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। देखिए पूरा मामला… दरअसल मामला 28 नवंबर 2014 का है, छेड़छाड़ के आरोप और बस में ही रोहतक में पढ़ने वाली सोनीपत की दो बहनों द्वारा तीनों लड़कों की बेल्ट से पिटाई का वीडियो वारयल होने के बाद यह मामला देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी छा गया था। सोनीपत जिले के गांव थाना निवासी पूजा और आरती ने गांव भालौठ के पास चलती बस में छेड़छाड़ और मारपीट का आरोप लगाते हुए कुलदीप, मोहित और दीपक के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
बेल्ट से पीट रही हैं लड़कों को
वीडियो में पूजा और आरती चलती बस में तीन युवकों को बेल्ट और लात-घूंसों से पीटती नजर आई थीं। सोशल मीडिया पर वीडिया वायरल होते ही दोनों बहनें देश और विदेश के मीडिया में रोल मॉडल बन गईं थी। प्रदेश सरकार ने भी दोनों बहनों को बहादुरी पुरस्कार देने की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में एक और वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने पुरस्कार देने से मना कर दिया था।
जांच के लिए गठित की थी एसआईटी
पुलिस ने इस मामले को तूल पकड़ता देख जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। हालांकि एसआईटी ने 19 अगस्त को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट में तीनों युवकों को क्लीन चिट दे दी थी और लड़कियों के आरोप निराधार बताए थे। इस पर पूजा और आरती ने एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। इसके बाद से जांच स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। फैसला सुनाने के दौरान अदालत ने वीडियो को आधार नहीं माना।
सभी गवाहों के बयान तीनों युवकों के पक्ष में
एसआईटी ने डीएसपी यशपाल खटाना के नेतृत्व में मामले की जांच की। घटना के समय की मोबाइल लोकेशन और बस की टिकटों के आधार पर पता लगाया गया कि बस में कौन-कौन सवार थे। इसके बाद 40 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सभी गवाहों के बयान में लड़कियों को ही कसूरवार बताया गया। गवाहों ने बताया कि लड़कियों के साथ छेड़छाड़ जैसी घटना हुई ही नहीं। इसके बाद अदालत के आदेश पर आरोपियों और दोनों बहनों का लाई डिटेक्टर टेस्ट सीबीआई की दिल्ली लेबोरेट्री में किया गया। इस टेस्ट में भी लड़कियां झूठी और लड़के सही पाए गए।
दोनों बहनें कर सकती हैं सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइल
आरोपी पक्ष के वकील प्रदीप मलिक का कहना है कि एसीजेएम कोर्ट से आरोप मुक्त होने के बाद एक बार यह मामला खत्म हो गया है। लेकिन एसीजेएम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दोनों बहनें सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइल कर सकती हैं। सेशन कोर्ट को एसीजेएम कोर्ट का फैसला गलत लगता है तो सेशन कोर्ट चार्ज फ्रेम करने के आदेश जारी कर सकती है।
लड़के कर सकते हैं मानहानि का दावा
प्रदीप मलिक का कहना है कि इस मामले में आरोपी रहे आसन निवासी कुलदीप, मोहित और दीपक अब दोनों बहनों के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस फाइल कर सकते हैं। कुलदीप कोर्ट के माध्यम से आर्मी से अपने चयन की मांग कर सकता है।
हाईकोर्ट में की जाएगी अपील
फैसले से हम सहमत नहीं हैं। अपराध होना किसी से छिपा नहीं है। लड़कियों के साथ छेड़छाड़ हुई है और वह अपने बयान पर कायम हैं। कोर्ट में सात माह पहले सुनवाई हुई थी, तब से लगातार फैसले की तारीख दी जा रही थी। इतने समय बाद अब फैसला देना खुद में बड़ा सवाल है। दोनों बहनों के साथ अन्याय हुआ है।
मामले की अपील हाईकोर्ट में की जाएगी।
मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद मामला काफी चर्चित हो गया था। इसके बाद पुलिस ने युवकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। करीब सवा दो साल पहले के बहुचर्चित मामले में शुक्रवार को स्थानीय अदालत ने तीनों युवकों को ठोस सबूतों के अभाव में आरोप मुक्त कर दिया। एसीजेएम हरीश गोयल की अदालत ने 40 गवाहों और लाई डिटेक्टर टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर रोहतक के गांव आसन निवासी युवकों को आरोप मुक्त कर दिया।