अब्दुल नासिर नानपारा बहराइच
रुपईडीहा-यूपी। उत्तर-प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार साशन व प्रशासन को पूरी छूट दे रखी है। जिससे प्रदेश में कानून का राज़ हो। और अपराधी सलाखों के पीछे हों। मगर दुर्भाग्यवश सायद योगी के फरमान का असर नेपाल बॉर्डर के सरहदी इलाकों में नही देखने को मिल रही है। इसका पूरा श्रेय सरहदी पुलिस को भी जाता है। चूंकि उन्ही के संरक्षण में आदर्श थाना कोतवाली के ये गैंगेस्टर व HS बेख़ौफ़ होकर मादक पदार्थ, चाइनीज़ आइटम्स के साथ साथ प्रतिबंधित जड़ी बूटी की तस्करी कर रहे हैं। विश्वसनीय सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार रुपईडीहा थाने का गैंगेस्टर व HS खुलेआम पुनः गैंग बना कर इन कारोबार का संचालन शुरू कर दिया है। यह सब स्थानीय पुलिस की मिली भगत से चल रहा है। बताया जाता है कि रुपईडीहा थाने में दो ऐसे दलाल हैं जो इनकी लाइन लेंथ करवाते हैं। एक तो पड़ोसी मित्र राष्ट्र का बताया जाता है तो वहीं दूसरा बहराइच का है जो इन तस्करों की लाइन करवाता है। सूत्र ने यह भी बताया कि यह bahraich के थाना दरगाह शरीफ के सामने मोहल्ले का रहने वाला है यह रुपईडीहा थाने का दलाल।
कहाँ की गैंगेस्टर ने मीटिंग
रुपईडीहा थाने के गैंगेस्टर व कुछ तसकरों में गैंग बनाकर तस्करी करने के लिए एक मीटिंग की गई। यह मीटिंग राना पेट्रोलटंकी के पास की गई। इसमें यह थाने का दलाल मीटिंग की अगुवाई करता था। मीटिंग में यह भी बात हुई कि थाने की लाइन का खर्च दो लाख रुपये होगा। इस पर सभी तस्करो ने सहमति भी जाहिर की।
यहाँ से होती है तस्करी
रुपईडीहा थाने के पूरब अब्दुलगंज जंगल के रास्ते तस्करी बड़े पैमाने पर शुरू है। नेपाल से प्रतिबंधित जड़ी बूटी की खेप बड़ी बड़ी गाड़ियों में भरकर नेपाल से सीधा लाया जाता। फिर इन जड़ी बूटियों को मिहीपुरवा व लखनऊ भेज दिया जाता है। सूत्र ने बताया कि एक किलो जड़ी बूटी पर तस्करों को 200 रुपये से लेकर 2000 का मुनाफा होता है।
ये है गैंगेस्टर की टीम
रुपईडीहा थाने का एक कुख्यात तस्कर व गैंगेस्टर ने अपनी गैंग में नेपाल के कई बड़े अपराधियों को भी शामिल कर रखा है। इसमें सबसे पहला नाम बाराबंकी जिले का वांटेड मंसूर अहमद जो नेपाली जिला बाँके के नई बस्ती गांव के बगल के गांव मे अपना खरबो का आशियाना बना रखा है। तो वहीं दूसरे देवी प्रसाद नाम का तस्कर है जो नेपाली गांव नई बस्ती का निवासी है। नई बस्ती के सामने मौलानापुरवा SSB बीओपी है। मगर इन तस्करों के नेटवर्क इतना बेहतर है कि अब्दुलगंज जंगल मे जगह जगज SSB की चेक पोस्ट है मगर इनका काम निरन्तर जारी है। रुपईडीहा थाने का गैंगेटर इन सभी का मुखिया है जो पुलिस को अपनी उंगलियों पर नाचता है। और इसके साथ साथ रुपईडीहा के लगभग आधा दर्जन तस्कर शामिल हैं।
कभी ये गैंगेटर हुआ करता था थाने का बेताज बादशाह
रुपईडीहा थाने में बिगत एक वर्ष पूर्व इस गैंगेस्टर की तूती बोलती थी। जो भी थानेदार होता था वह इसके इसारे पर काम करता था । चूंकि यह प्रतिमाह लाखों रुपये पुलिस को पेशगी देता था। मगर इस थाने पर जब जिले के ईमानदार इंस्पेक्टर मधुप नाथ मिश्र ने चार्ज संभाला उसी दिन अपने सभी सिपाहियों व हल्का के इंचार्जों को सख्त लहजे में हिदायत दी थी कि मेरे कार्यकाल में पूर्व की भांति कुछ नही होगा। मगर सिपाही व हल्के के इंचार्ज की सह पर ये कुख्यात तस्कर तस्करी के धंधे को अंजाम देता रहा। कुछ दिनों के अंदर ही मधुप नाथ मिश्र ने इसे चोरी की विदेशी काली मिर्च की खेप के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन उनके हस्तांतरण के बाद इसका गैंग कार्य करता रहा। आज आलम यह है फिर पुनः की भांति इसका धंधा बुलंदियों की ओर है। स्थानीय पुलिस की सह पर इसका धंधा सरहद पर सुचारू रूप से हो रही हूं।
सवाल यह भी उठता है कि जिले की ईमानदार एसपी सुजाता सिंह की नज़र आखिर क्यों ऐसे कुख्यात गैंगेस्टर पर क्यों नही जाती है। जबकि जिले में कई ऐसे विभाग हैं जो कप्तान के एक इसारे पर उसको गिफ्तार कर सकते हैं।