कानपुर. विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनते ही कानपुर को नया कलेक्टर मिल गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुरेंद्र सिंह को जिले की बागडोर सौंपी। 2017 के कार्यकाल के दौरान इन्होंने सबसे ज्यादा जोर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, स्व्च्छता, गंगा की सफाई और पर्यावरण पर लगाया। गुजरा साल इनके लिए ठीक-ठाक रहा और विवादों के बजाय इन्होंने अपने काम पर ध्यान दिया। लेकिन नववर्ष में इनके सामने कई चुनौतियां हैं, जिन्हें साल के आखरी तक पूरी करनी होगी। अक्टूबर 2018 तक जिले को खूले से शौंचमुक्त, गंगा की सफाई और बंद मिलों को शुरू कराने के जिम्मेदारी सीएम ने इन्हीं के हाथों में सौंपी है। डीएम सूरेंद्र सिंह इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए कमर कस चुके हैं और खुद गंगा घाटों पर जकार निरीक्षण कर रहे हैं। सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि सरकार के आदेशों का पालन हर अफसर को इमानदारी से करना चाहिए। अगर जनता के लिए आपने निडर होकर काम किया है तो अर्वाड भी मिलते हैं। बतादें, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मनरेगा में बेहतर कार्य करने के डीएम सुरेंद्र सिंह को सम्मान देकर नवाजा था।
योगी सरकार आने के बाद बनाए गए डीएम
सुरेंद्र सिंह को कानुपर जिले का डीएम अप्रेल 2017 में बनाया गया। पदभार ग्रहण करने के बाद डीएम सूरेंद्र सिंह ने प्राथमिक स्कूलों की सूरत और सेहत ठीक करने के लिए जुट गए। इन्होंने सीडीओ अरूण कुमार को सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता परखने की जिम्मेदारी सौंपी। आठ माह के कार्यकाल के दौरान डीएम ने गंगा की सफाई के लिए अभियान चलाया और जिले को खुले से शौंचमुक्त करने के लिए जमीन पर उतर कर कार्य किया। जिसका परिणाम रहा कि कानपुर ओडीएफ जिला घोषित हो गया। सुरेंद्र सिंह 2005 बैच के आईएएस हैं। ये करीब ढाई महीने एक कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्य कर चुके हैं। प्रोविजन पीरियड के दौरान पहली तैनाती मेरठ में हुई थी। फिर एसडीएम के रूप में पहली तैनाती फिरोजाबाद में हुई। इसके बाद सीडीओ के पद पर आगरा में तैनात हुए। डीएम के पद पर पहली तैनाती मेरठ के भदोही में हुई। इसके बाद इन्हें कानपुर का डीएम बनाया गया। अगस्त से लेकर जनवरी 20018 तक इन्होंने कई योजनाओं को जमीन पर लाने का काम किया।
सरकारी स्कूलों पर रही नजर
डीएम सूरेंद्र सिंह ने बताया कि जब हमने यहां की जिम्मेदारी संभाली तो प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता को जाना। सरकारी टीचर पुराने ढर्रे पर बच्चों को एजूकेशन देते हुए पाए गए। हमने सरकारी स्कूलों के क्वालिटी को सुधारने के लिए एक एजुकेशन समिति बनाई, जिसकी बागडोर सीडीओ अरूण कुमार को दी। पिछले कुछ माह के दौरान सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आया है और आने वाले समय में यही स्कूल प्राईवेटों को मात देंगे। प्राइमरी स्कूलों के गुणवत्ता पर हम जोर दे रहे हैं और यहां कॉम्पटीशन की भावना लाने के लिए टीचरों के साथ बच्चों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा, गुड गवर्नेंस के लिए एक्शन, इफेक्टिव और रेगुलर चेंज की जरूरत होती है, जिसपर हमलोगों 2018 में काम करना होगा। लोगों को सरकारी सिस्टम से जो हताशा होती है। ये रेस्पोंसिबल का नहीं होना और किसी भी काम में डिले होने की वजह से होता है। कानून तो कई बने हैं, लेकिन वो प्रभावी नहीं है, जिस पर हमें विशेष तौर पर काम करना होगा। गुड गवर्नेंस के लिए आउटपुट बेस काम का होना बहुत जरुरी है। इसके लिए कर्मचारियों को नए तकनीकी से अपडेट किया जाएगा।
कई अवार्ड पा चुके हैं डीएम सुरेंद्र सिंह
स्ीएम सुरेंद्र सिंह को साल 2012 के विधानसभा चुनाव में फिरोजाबाद में तैनाती के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा बेस्ट इलेक्शन प्रैक्टिस के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। इसके आलावा मनरेगा योजना में बेहतरीन कार्यवहन के लिए इन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। डीएम सुरेंद्र सिंह का सपना है कि कानपुर अपने पुराने अतीत को फिर से हासिल कर ले। डीएम कहते हैं कि पदूषण, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और इंड्रस्ट्री ढांचे को खड़ा करने की बड़ी चुनौती है, जिसको पूरा करने के लिए प्रशासनिक अमला लगा हुआ है। हमने प्रदूषण को खत्म करने के लिए कूड़ा और आतिशबाजी पर रोक लगाई है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा लोगों को मिले इसके लिए हम अस्पतलों के डॉक्टरों के साथ समय-समय पर बैठक चर्चा करते हैं।
कंबल के बाद स्कूलों में जल्द आएंगे स्वेटर
डीएम सूरेंद्र सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले हमने खुद गरीबों को पांच हजार कंबल वितरण किए। आगे भी लोगों को ठंड से बचाने के लिए कंबल बांटे जाएंगे। डीएम ने बताया कि इसी हफ्ते सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्वेटर बांट दिए जाएंगे। डीएम सुरेंद्र सिंह का विवाह मेरठ की रहने वाली गरिमा के साथ हुआ। डीएम सुरेंद्र सिंह के दो बेटिय