योगी सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि सरकार ने पर्यटन विभाग की बुकलेट से ताजमहल को हटाकर सही किया। बता दें कि पिछले दिनों सरकार की तरफ से जो पर्यटन बुकलेट जारी की गई थी, उसमें ताजमहल नहीं था। इसके बाद से ही इसको लेकर विवाद चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चौधरी ने यह भी कहा कि ताजमहल की जगह गोरखपुर स्थित गुरु गोरखनाथ पीठ को इस बुकलेट में शामिल करना चाहिए।
– दरअसल लक्ष्मी नारायण चौधरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
– मंत्री जी ने यहां स्टूडेंट्स को सम्मानित करने के बाद ताजमहल पर पूछे गए सवाल पर कहा कि ताजमहल किसी धर्म का प्रतीक नहीं है और न ही ताजमहल कभी धार्मिक कहा जा सकता है। जो भी ताजमहल देखने जाता है वह उसकी खूबसूरती देखने जाता है।
– मंत्री जी ने अपने बयान में ताजमहल को सात अजूबो में शामिल करने वाले लोगों को राजा शाहजहां के ही मिजाज का बताते हुए उसे पर्यटन स्थल से बाहर करते हुए, गुरु गोरखनाथ पीठ को इसमे शामिल करने की बात कही है।
उन्होंने आगरा को ताजनगरी कहे जाने पर भी एतराज जताया और कहा कि जो लोग ऐसा कहते है वह पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में चल रही सरकार राष्ट्रवादी और धर्म के अनुसार चलने वाली सरकार है।
– ताजमहल को बुकलेट में शामिल नहीं करने के फैसले की कांग्रेस उपाध्यक्ष ने आलोचना करते हुए कहा था, ”अंधेर नगरी, चौपट राजा।”