अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र के नरेन्द्र मोदी शासन की तुलना राम राज्य से करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के कार्यो से देश के आम नागरिक को जो सुख मिल रहा है, वही राम राज्य है।
योगी ने आध्यात्मिक नगरी अयोध्या में दीपावली के भव्य आयोजन के अवसर पर कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है कि वर्ष 2022 तक कोई भी परिवार ऐसा ना बचे, जिसके सिर पर छत ना हो, जिसके पास 2019 तक अपना व्यक्तिगत शौचालय ना हो, बिजली कनेक्शन ना हो। राम राज्य यही तो है।
उन्होंने कहा जिसके पास अपना घर हो, रोजगार हो और जिसके घर में जब प्रधानमंत्री के माध्यम से बिजली के निशुल्क कनेक्शन का बल्ब जलता है, उसके लिये वही राम राज्य है। जिस गरीब के घर में कभी रसोई गैस का चूल्हा नहीं जला है, वह जब यह चूल्हा जलाता है तो उसके लिये वही राम राज्य है। जीवन में जो उसने सोचा नहीं, उस सोच को साकार रूप प्रदान करने के लिये जो भी अभियान चल रहे हैं, वे मानवता के कल्याण को लेकर चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संकल्प से सिद्धि का मंत्र दिया है। उनका संकल्प है कि एक ऐसा भारत बने जो गंदगी, गरीबी, जातिवाद, सम्प्रदायवाद, आतंकवाद, नक्सलवाद से मुक्त हो।
उन्होंने कहा भगवान राम उस समय के सबसे बड़े आतंक के पर्याय यानी रावण और उसकी सेना को मारकर अयोध्या लौटे थे। आज इस देश को जिस दिशा में प्रधानमंत्री ले जा रहे हैं। निरन्तर विकास की योजनाएं चल रही है। हम आप सबको आश्वस्त कर सकते हैं। एक-एक कर सारे कार्य हो रहे हैं।
केवल उस संकल्प के साथ जुडय़िे, अगर आपके पास ताकत होगी तो उसके बल पर कुछ भी कर सकते हैं। वह ताकत होगी विकास की। वह ताकत होगी भारत को ताकतवर बनाने की इच्छा की।
जय राम के गगनभेदी नारों के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा कि अयोध्या ने दुनिया को दीपोत्सव दिया लेकिन अयोध्या खुद उपेक्षित हो गयी। वह लगातार प्रहार झेलने को मजबूर होती गयी, लेकिन अब यह स्थिति नहीं रहेगी। 135 करोड़ रपये की लागत से केन्द्र की योजनाओं का शिलान्यास हुआ है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या को आशंकाओं की नजरों से देखना बंद हो, उस पर से प्रश्नचिह्न हटे। हम इसके लिये यहां उपस्थित हुए हैं। अब कहा जा रहा है कि हम जनता का ध्यान हटाने के लिये अयोध्या आये हैं। लेकिन हम तो अपनी योजनाओं के साथ यहां आये हैं।
योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों के शासन पर कहा, वह रावण राज्य था जो जाति, परिवार और क्षेत्र के नाम पर भेदभाव करता था। अब वे ही लोग भाजपा सरकारों पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, जिनका खण्डन करना हम अपना अपमान समझते हैं। सरकार विकास कार्य से रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना चाहती है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश-दुनिया में पर्यटन का हब बने। इसकी शुरआत हम अयोध्या से करने जा रहे हैं, ताकि अयोध्या पुराने वैभव के साथ फिर स्थापित हो। लोग नकारात्मकता छोडक़र अयोध्या के बारे में सही तरीके से सोचना शुरू करें। आज अयोध्या की जितनी आबादी है, उतने ही दीप जलने चाहिये।
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया और थाईलैण्ड जैसे देशों में भगवान राम को अपना पूर्वज मानते हैं। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है। वहां से रामलीला मंचन के लिये आये कलाकार मुस्लिम हैं। वे कहते हैं कि इस्लाम हमारा मजहब है लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं।
योगी ने कहा, भारत की ही तरह इंडोनेशिया और श्रीलंका समेत एक दर्जन देशों में रामलीला होती है। मैं संतों के चरणों में आज यह अनुरोध करना चाहूंगा कि अगर अगले वर्ष से रामायण मेले का कार्यक्रम अगर इसी आयोजन से जोड़ दिया जाए और एक साथ दुनिया की सभी रामलीलाओं का मंचन अलग-अलग दिन करना प्रारम्भ करें तो मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम और अयोध्या के बारे में जो प्रश्न उठते हैं, वे उठने बंद हो जायेंगे।
राज्यपाल राम नाईक ने इस मौके पर कहा कि योगी सरकार पिछले छह महीने में किये गये अपने काम का हिसाब दे रहे हैं। प्रधानमंत्री भी तीन साल के अपने काम को बता रहे हैं। गंगा और यमुना जब इनका संगम होता है तो हमें कितनी खुशियां होती है। एक तरफ जब केन्द्र सरकार की गंगा बहती है और यहां प्रदेश सरकार की यमुना बहती है। दोनों का संगम हुआ और आज का यह दिन यहां के लिये ऐतिहासिक बन गया।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में 135 करोड़ रपये की विकास योजनाओं की शुरआत किया जाना बहुत अच्छा है। इसके लिये प्रदेश और केन्द्र की सरकारें बधाई की पात्र हैं। राज्यपाल ने सरयू नदी में करीब पौने दो लाख दीये प्रवाहित किये जाने की तैयारियों की तरफ इशारा करते हुए कहा, देवलोक से शायद प्रभु राम भी देखते होंगे कि मेरी अयोध्या इस वक्त कैसी दिख रही है। तब शायद उन्होंने माता सीता से कहा होगा कि देखो अयोध्या में अब कितने लोग इकट्ठा होकर हमारा स्वागत करने को तैयार हैं।
बाद में राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी ने राम की पैड़ी पर सरयू नदी की आरती की। इस दौरान जल रहे हजारों दीये उस मंजर को नयी आभा और आध्यात्मिक भव्यता प्रदान कर रहे थे। इस मौके पर केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डाक्टर महेश शर्मा, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री के. जे. अल्फोंस, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डाक्टर दिनेश शर्मा समेत योगी सरकार के तमाम मंत्री भी मौजूद थे।