लखनऊ. जहां सपा के दो और बसपा के एक एमएलसी ने शनिवार को विधानपरिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया तो वहीं यूपी की योगी सरकार से तीन मंत्रियों की छुट्टी होना भी तय माना जा रहा है। सूत्रों
की मानें तो इन मंत्रियों के ऊपर विभाग के ठेकों और ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। वहीं सीएम योगी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। सूत्रों की माने तो केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल में भी फेरबदल हो सकता है।
यूपी कैबिनेट को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ दूसरे लोगों को मौका दिया जा सकता है। बतादें कि पिछले दिनों यूपी के कई सांसदों ने योगी सरकार के कुछ मंत्रियों की पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में शिकायत की थी। मोदी ने संासदों की शिकायत को गंभीरता से लिया था। माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों की शिकायत हुई थी उनके बारे में पीएम ने अमित शाह को बता दिया था। वहीं शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी लखनऊ पहुंचे हैं। शाह के तीन दिवसीय दौरे के दौरान मंत्रियों के कामकाज को लेकर चर्चा होगी। जिनके काम से संतुष्टि नहीं होगी उनका मंत्रीपद जाना तय माना जा रहा है।
फीड बैक
सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी टीम की ईमानदारी और शुचिता के प्रति काफी संजीदा है। अपने कार्यकाल के चार महीनों में ही योगी सरकार के कुछ मंत्रियों ने उनकी संजीदगी को गंभीरता ने नहीं लिया। ऐसे मंत्रियों की अतिमहत्वाकांक्षा की जानकारी सीएम को संगठन के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से लेकर सांसदों और विधायकों से मिल गई है।
ठेकों से लेकर ट्रांसफर के खेल में आरोप
सीएम योगी को यह अच्छी तरह से मालूम है कि किस मंत्री ने स्कूली बच्चें की पाठ्यपुस्तकों के वितरण तो क्या सौदेबाजी तो किस मंत्री पर परिवहन विभाग के ठेके अपने चहेतों को दिलाने के आरोप लगे हैं। इसलिए ये मंत्री अपने मनमाफिक विभाग के एक बड़े अफसर का तबादला नहीं होने दे रहे थे। लेकिन जब पानी सिर से ऊपर हो गया तो सीएम के आदेश पर इस अफसर को हटना पड़ा। इसी तरह कुछ मंत्रियों पर 30 जून तक चले तबादला सीजन में दाएं-बाएं करने का आरोप है।
इस्तीफा देने वाले तीनों एमएलसी को भाजपा दे सकती है
शनिवार को सपा के विधानपरिषद सदस्य यशवंत सिंह और बुक्कल नवाब तो बसपा से एमएलसी जयवीर सिंह ने अपनी विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि इन नेताओं ने इस लिए इस्तीफा दिया है ताकि योगी के कई मंत्री जो किसी सदन के सदस्य नहीं है उन्हें एमएलसी बनाया जा सके। वहीं जिन नेताओं ने इस्तीफी दिया है उन्हें भाजपा में शामिल कर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
वीआईपी लेन ने कराई खुब किरकिरी
योगी सरकार ने केंद्र की तर्ज पर वीआईपी कल्चर को खत्म करने का फैसला लिया था, लेकिन इसके ठीक उलट पिछले दिनों टोल प्लाजा पर वीआईपी लेन बनाने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद जनता का नेगेटिव रिएक्शन आने लगे, जिसे देखते हुए सरकार को तत्काल ये आदेश वापस लेना पड़ा। यह आदेश भी केशव प्रसाद मौर्या के विभाग पीडब्ल्यूडी की ओर से ही जारी किया गया था।
दबदबा बनाने को लेकर भी है टकराव
डिप्टी सीएम केशव मौर्या यूपी बीजेपी के अध्यक्ष हैं। वे संगठन और सरकार में अपना दबदबा बनाए रखना चाहते हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि केशव प्रदेश अध्यक्ष हैं इस लिए वो खुद को सीएम योगी से भी वरिष्ठ मानते हैं। जब सीएम के नाम की घोषणा होनी थी तब भी केशव का नाम सबसे आगे था, लेकिन अचानक से योगी का नाम एनाउंस कर दिया गया, जिससे केशव मौर्या नाराज भी हुए थे। मंगलवार को मंत्रियों के साथ हुई बैठक में सीएम ने मौर्या के कामकाज पर भी सवाल उठाए थे।