सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अरुण शर्मा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के पीसवां कस्बे में इस्थित बाबू सिंह इंटर कालेज के निकट चल रही रामलीला में राम वन गमन के प्रसंग का मंचन किया गया। राजा दशरथ से महारानी कैकेयी ने दो वरदानों के रूप में राम के लिए 14 वर्ष के वनवास और भरत के लिए राजगद्दी की मांग की। राजा दशरथ के बार-बार अनुनय-विनय करने पर भी रानी राजी नहीं होती है। वह अपने वचनों पर आड़ी रहती है। वह राजा दशरथ से कहती है कि आपको परेशानी है तो अपने वरदान वापस ले लीजिए। इस पर राजा दशरथ ने कहा रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाई पर वचन न जाई। राजा दशरथ ने कहा हमारे वंश में परंपरा रही है कि कोई भी अपने वचनों से नहीं फिर सकता है। राजा दशरथ विलाप करते रह गए और राम लक्ष्मण और सीता वन को चले गए। रामलीला के कलाकारों ने जीवंत अभिनय किया। श्रीराम के वन गमन से दर्शक भी भावुक हो गए।