तिरुअनंतपुरम। केरल पहुंचे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अजब हालात से दो-चार होना पड़ा। दरअसल, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस और विपक्षी वामदल के नेताओं ने मोदी के साथ एक कार्यक्रम में मंच साझा करने से इन्कार कर दिया।
बुधवार को वामदल के नेता व पूर्व मंत्री एनके प्रेमचंद्रन और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष व पूर्व कांग्रेस विधायक केसी रोजाकुट्टी ने शिवागिरी मठ के कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया।
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि विकास के गुजरात मॉडल में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे केरल कुछ सीख सके। मोदी शिवागिरी मठ के रजत जयंती कार्यक्रम में शिकरत करने के लिए केरल पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने सबसे पहले मोदी की मौजूदगी के कारण कार्यक्रम में शामिल होने से इन्कार किया। शिवागिरी मठ श्रीनारायण गुरु द्वारा स्थापित श्रीनारायण धर्म संघम का मुख्यालय है। श्रीनारायण ने एक जाति, एक धर्म और एक ईश्वर का सिद्धांत दिया था। राच्य के गृह मंत्री टी. राधाकृष्णन ने बताया कि मोदी को उच्चस्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। इस बीच, चांडी ने कहा कि केरल का विकास मॉडल दुनिया भर में स्वीकार किया जा चुका है। हमें गुजरात से सीखने की जरूरत नहीं है।
शिवागिरी मठ के कार्यक्त्रम में शामिल होने को लेकर माकपा और कांग्रेस के विरोध पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजनीति में छुआछूत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि समाज में राजनीतिक अस्पृश्यता बढ़ती जा रही है, जबकि धर्म गुरुओं और सुधारकों ने अपने प्रयासों से समाजिक जीवन से इस बुराई को बहुत पहले उखाड़ फेंका है। इससे पहले माकपा की युवा इकाई ने मोदी के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।
वरकला में शिवागिरी मठ की श्रीनारायण धर्म मीमांसा परिषद के रजत जयंती कार्यक्रम में उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन पर वाम और कांग्रेस नेताओं द्वारा मठ के कार्यक्रम में उन्हें बुलाने पर हमला करने का असर स्पष्ट नजर आ रहा था। हाल में केरल के श्रम मंत्री व आरएसपी (बी) नेता शिबू बेबी जॉन की मोदी से मुलाकात को लेकर कांग्रेस ने खासा हंगामा खड़ा किया था। बुधवार शाम शिवागिरी पहुंचे मोदी ने जॉन से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी गुजरात को सबसे आधुनिक राच्य के तौर पर स्वीकृति दी है। मोदी का भाषण श्रीनारायण गुरु जैसे धर्म गुरुओं द्वारा राष्ट्रीय आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम की जमीन तैयार करने के इर्दगिर्द घूमता रहा। उन्होंने कहा कि देश की कई मौजूदा समस्याएं उनके विचारों को अपनाकर निपटाई जा सकती हैं। मोदी ने कहा कि भारत युवा देश है, जिसकी 65 फीसद आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत भी है। हालांकि, महिलाओं व कमजोर वर्ग का उत्थान और कौशल विकास कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिस पर अभी बहुत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही आरएसएस में रहने के कारण उनके जीवन पर श्रीनारायण गुरु और स्वामी विवेकानंद का गहरा प्रभाव पड़ा। इससे पहले संघम ट्रस्ट के सदस्य स्वामी सच्चिदानंद ने कहा कि मोदी को आमंत्रित करने पर की गई राजनीति गैरजरूरी थी, क्योंकि मठ का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है।