28 C
Lucknow
Saturday, October 5, 2024

राजस्व बढाने के लिए जान जोखिम में क्यों???

इरफान शाहिद:NOI।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने जो लाकडाउन लगाया उसका मुख्य कारण यही था कि लाकडाउन के दौरान सभी लोग अपने घरों में रहेंगे जिससे कोरोना संक्रमण हमारे देशवासियों की जान को खतरा नही पहुंचा पाएगा सरकार की इसी सार्थक सोच ने कोरोना की रफ्तार को काफी हद तक रोक कर भी रखा लेकिन इस दौरान सरकारी खजाने पर संकट के बादल मंडराने लगे जिसे देख कर सरकार ने लाकडाउन 3 लगाने के साथ साथ राज्य सरकारों को भी कुछ फैसले लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया सरकार ने शराब की दुकानों को सशर्त खोलने की भी अनुमति दे दी।

अगले ही दिन यानी 4 मई को जब लाकडाउन पार्ट 3 शुरू हुआ तो शराब के शौकीनों ने इसको लेकर खूब उत्सुकता दिखाई शराब लेने के लिए लोगो की काफी भीड़ जमा हुई लाठी भी चली लेकिन लोगो पर खास असर पड़ता नही दिखा जिस कारण सोशल डिस्टनसिंग की धज्जियां उड़ कर रह गई अगले ही दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी की खबर आने लगी लेकिन राज्य सरकारों को राजस्व भी खूब प्राप्त हुआ।

शराब बिक्री की बम्पर खरीदारी से खुश केजरीवाल ने शराब पर 70 प्रतिशत कोरोना शुल्क एड कर दिया तो वही तो वही अन्य राज्य भी दिल्ली सरकार की राह पकड़ने की जुगत में दिखाई देने लगे सभी ने अपना राजस्व बढाने का इसे एक सुनहरा अवसर समझा और शराब पर अतिरिक्त शुल्क की घोषणा देर सबेर कर दी।इस काम मे यूपी सरकार भी पीछे नही रही उसने भी अतिरिक्त शुल्क शराब पर अलग से लगा दिया जो कल से वसूला भी जाएगा।

यहां महाराष्ट्र सरकार की तारीफ करनी पड़ेगी जिसने लोगों की जान को राजस्व से अधिक महत्व दिया और शराब को पुनः प्रतिबंधित कर दिया लेकिन जिन जिन राज्यों ने शराब की हो रही मारामारी को देखते हुए टेक्स बढाने का फैसला लिया है क्या उनकी नज़र में लोगो की जान की कीमत सरकारी राजस्व से कमतर है क्या उन राज्यों को राज्य की जनता से प्रेम नही है जो वो शराब को प्रतिबंधित करने की बजाए उसपर टेक्स लगा कर बेच रही है ऐसा क्यों हो रहा है और इस पर केंद्र सरकार क्यों मौन है ये एक बड़ा सवाल है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें