नई दिल्ली। राज्यसभा के उप सभापति पी जे कुरियन ने कहा है कि केंद्र सरकार स्वतंत्र प्रस्ताव पर गोवा और मणिपुर के राज्यपालों की आचरण पर बहस कराए। कुरियन ने सदन की भावना से सदन के नेता अरुण जेटली को अवगत कराने का निर्देश संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को दिया है। कहा कि चर्चा जितनी जल्द हो सके कराई जाए।
गुरुवार को जब सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा, दोनों राज्यों में सरकार गठन के लिए सबसे बड़े दल को न बुलाने के राज्यपाल के कदम पर चर्चा के लिए उन्होंने स्वतंत्र प्रस्ताव दिया है। लेकिन दो सप्ताह से लंबित होने के बावजूद इस पर चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने यह प्रस्ताव उप सभापति और संसदीय कार्य मंत्री के कहने पर दिया था जिसमें उन्होंने उच्च पद पर आसीन व्यक्ति के आचरण पर चर्चा के लिए स्वतंत्र प्रस्ताव जरूरी बताया था।
सदन के नेता अरुण जेटली के पास इस पर चर्चा के लिए समय नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, दो राज्यों में जनादेश की अनदेखी करके जोड़-तोड़ से बनी सरकारें शासन कर रही हैं। यह चुराया हुआ जनादेश है। लंबित प्रस्ताव पर अतिशीघ्र चर्चा कराई जाए। माकपा के तपन सेन ने भी लंबित प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। उल्लेखनीय है कि 11 मार्च को आए गोवा और मणिपुर के परिणामों में सबसे बड़े दल के रूप में कांग्रेस सामने आई थी।
लेकिन गोवा में उसके द्वारा दावा पेश न करने और मणिपुर में कांग्रेस के दावे में खामी पाए जाने पर राज्यपालों ने दोनों प्रदेशों में भाजपा को सरकार बनाने का मौका दे दिया।