लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सियासत इन दिनों नए रंग में रंगी नजर आ रही। मंदिर मस्जिद की सियासत के लिए चर्चा में रहने वाले यूपी में इस वक्त भगवान राम और कृष्ण को लेकर सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कृष्ण का गुणगान कर रहे हैं तो सीएम योगी आदित्यनाथ भगवान राम का। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के बगैर भारत में कोई काम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भगवान राम हिंदुओं की आस्था के प्रतीक हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अयोध्या से स्थानीय चुनावों का प्रचार शुरू करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राम के बगैर भारत में कोई काम नहीं हो सकता। राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं। वहीं सीएम योगी ने अखिलेश यादव के सैफई में दुर्योधन की मूर्ति लगवाने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्योधन की मूर्ति की बात करने वालों को सद्बुद्धि मिले।
दुर्योधन की मूर्ति लगवाएंगे अखिलेश यादव
वहीं समाजवादी पार्टि के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने गांव सैफई में भगवान कृष्ण की मूर्ति लगवाने जा रहे हैं। मूर्ति पर काम जारी है और करीब छह महीने में काम पूरा होने की उम्मीद है। बता दें कि अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे दुर्योधन की मूर्ति लगवाएंगे। सपा प्रमुख के मुताबिक वे ऐसा इसलिए चाहते हैं ताकि नई पीढ़ी को कृष्ण और दुर्योधन के बारे में पता चल सके।
जानकारी हो कि अखिलेश एक शादी समारोह में शामिल होने सैफई पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि सैफई में लगने वाली मूर्ति महाभारत के उस हिस्से पर आधारित है जब कृष्ण चक्र उठा लेते हैं और भीष्म की तरफ बढते हैं। 18 दिनों के महाभारत युद्ध में यही इकलौता अवसर था जब कृष्ण ने हथियार उठाए थे। जानकारी के मुताबिक इन मूर्तियों की थीम अखिलेश ने खुद तय की है।
सोमवार को जारी किया संकल्प पत्र
आदित्यनाथ ने सोमवार को भाजपा का संकल्प पत्र जारी करते समय पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि राज्य में 652 स्थानीय निकायों में चुनाव होने जा रहा है। इनमें से 16 नगर पालिकायें हैं। जबकि इससे पहले राज्य में 12 नगर पालिकायें हुआ करती थी। उन्होंने खुशी जाहिर की थी कि उनकी सरकार ने अयोध्या और मथुरा वृंदावन नगर निगम का गठन किया गया और वहां पहली बार चुनाव हो रहे हैं।