संगरूरः डेरा प्रमुख को सी.बी.आई की अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद संगरूर जिला सहित पूरे मालवा क्षेत्र में डेरा के स्लीपर सेल ने हिंसा भड़काई। डेरा सच्चा सौदा की ओर से बनाई गई टीम-ए ने हिंसक घटनाआें के लिए स्लीपर सेल का इस्तेमाल किया। बताया जाता है कि हिंसक घटनाओं के लिए सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में ही बैठक की गई थी।
हिंसा फैलाने के आरोप में पकड़े गए डेरा अनुयायियाें से पूछताछ में जानकारी मिली है कि बैठक में डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों में से चयनित आठ व्यक्तियों को न केवल दिशा-निर्देश दिए गए, बल्कि पूरी साजिश रची गई। संगरूर इलाके में हिंसक घटनाएं करने की जिम्मेदारी लेने वाले सदस्य को पुलिस ने गांव गुज्जरां के समीप से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से पुलिस ने एक कार, 1.70 लाख रुपए की नकदी, लाल मिर्च पाऊडर, डेरा सच्चा सौदा से संबंधित साहित्य बरामद किया।
एस.एस.पी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि डेरे में रहने वाले संत ब्रह्मचारी दिड़बा निवासी सतपाल टोनीका भाई राकेश कुमार सिरसा में रहता है। डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद पंजाब भर में हिंसक घटनाओं के लिए आठ सदस्यीय कमेटी का गठन करके उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई।
इस कमेटी में संगरूर से शेरपुर का निवासी दूनी चंद, मानसा का मेजर सिंह खियाला, बठिंडा से बलविंदर सिंह बंदी, बाघा पुराना से पिरथी चंद, बठिंडा से गुरदेव सिंह, कोटकपुरा से महेंद्रपाल सिंह बिट्टू, कोट भाई बठिंडा के गुरदास सिंह व मोगा के गुरजीत सिंह मोगा को चुना गया था। इसे टीम-ए का नाम दिया गया व मुक्तसर के रवि कुमार इसका इंचार्ज बनाया गया।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि 17 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा में टीम-ए के इंचार्ज रवि कुमार ने देर रात दो बजे बैठक कर टीम के आठ सदस्यों को अन्य ब्लाकों में से स्लीपर सेल से संबंधित नौजवानों का चयन करने का निर्देश दिया। अदालत का फैसला डेरा प्रमुख के खिलाफ आने पर पंजाब में हिंसक घटनाओं को विकराल रूप से अंजाम देने की सजिश रची गई। टीम के आठ सदस्यों को दो भागों में बांटा गया।
पूछताछ में यह भी पता चला है कि दूनी चंद 20 अगस्त को डेरे की शाह सतनामपुरा कॉलोनी में फ्लैट नंबर-एच-15 में टीम-ए के सदस्य पिरथी चंद व गुरदास सिंह के साथ पहुंचा। डेरे के सचखंड हाल में डेरे की विभिन्न कमेटियों के सदस्यों व मैनेजमेंट ने बैठक कर फैसला लिया कि बड़ी संख्या में डेरा प्रेमी 25 अगस्त तक पंचकूला पहुंचें।
गिरफ्त्ाार आरोपियों ने बताया कि 24 अगस्त को टीम-ए ने संगरूर में राजिंदर कालड़ा की दुकान और इसके बाद एक एक डेरा प्रेमी के घर पर बैठक की। वहां दूनी चंद ने ब्लाक दिड़बा, शेरपुर, धूरी, संगरूर, भलवान के चयनित डेरा प्रेमियों को निर्देश दिए इंटरनेट व मोबाइल सेवाएं बंद होने के कारण न्यूज चैनल पर खबर देखने के बाद हिंसक घटनाओं को अंजाम दें।