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Friday, September 20, 2024

राष्ट्रपति चुनाव: क्रॉस वोटिंग हुई तो बिगड़ सकते हैं समीकरण




नई दिल्लीः केंद्रीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके लिए 17 जुलाई को वोटिंग हाेगी और 20 जुलाई को मतगणना की जाएगी। राष्ट्रपति पद के चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाले एनडीए का पलड़ा विपक्ष की तुलना में भारी नजर आ रहा है। लेकिन क्रॉस वोटिंग हुई तो समीकरण बिगड़ सकते हैं। दरअसल, मौजूदा समय में भले ही भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत तय करने के लिए अन्नाद्रमुक के दोनों धड़ों के अलावा तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस को अपने पाले में कर लिया है लेकिन इसके बावजूद सत्ता व विपक्ष के रणनीतिकार उन कमजोर कडिय़ों को दुरुस्त करने में लगे हैं जिनसे क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं बढ़ सकती हैं।

शरद पवार काे बनाया ‘कोऑर्डिनेटर’

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी स्वयं विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों को देख रही हैं। उन्हाेंने राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए शरद पवार काे विपक्षी दलों का कोऑर्डिनेटर बनाया है। पवार को यह दायित्व सौंपे जाने की सबसे अहम वजह यह है कि शिवसेना व भाजपा के बीच राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर तकरार पैदा हाे सकती है। महाराष्ट्र में दोनों का गठबंधन है लेकिन शिवसेना को अगर मोदी सरकार की पसंद नागवार गुजरी तो वह विरोध करने से पीछे नहीं हटेगी। शिवसेना के शरद पवार के साथ मधुर रिश्ते हैं। एेसे में माना जा रहा है कि शिवसेना न केवल एनडीए से अलग हो सकती है बल्कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस की सांझा सरकार से बाहर आ सकती है।
‘कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया अाराेप’

इसलिए हाल में कांग्रेस ने इस बात पर पहले ही शोर मचा दिया है कि उसके करीब एक दर्जन विधायकों को भाजपा के लोग क्रॉसिंग वोटिंग के लिए संपर्क कर रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उनके विधायकों पर डोरे इसलिए डाले जा रहे हैं कि यदि शिवसेना बगावत करती है तो उसकी आंशिक भरपाई की जा सके। हालांकि भाजपा के रणनीतिकारों की नजर बंगाल व ओडिशा में भी गड़ी हुई है। वहीं, भाजपा में शीर्ष स्तर पर यह भी माना जा रहा है कि पार्टी के पूरे ढांचे पर मोदी-अमित शाह की पकड़ कितनी मजबूत है, यह राष्ट्रपति चुनाव के वोटिंग पैटर्न से ही तय होगा।

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