इससे पहले बुधवार को कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद सरगर्मी बढ़ गई है. इस बीच सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का भी बयान आया है कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव जरूर लड़ेगा.
विपक्ष तय करेगा राष्ट्रपति उम्मीदवार!
राष्ट्रपति चुनाव को लेकल विपक्ष गुरुवार को एक साथ बैठेगा और अपना फैसला लेगा. लेकिन इससे पहले ही विपक्ष में दरार दिख रही है, जेडीयू ने पहले ही एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इस बीच कांग्रेस के नेतृत्व में होने वाली विपक्ष की बैठक पर सभी की नजर होगी.
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद सरगर्मी बढ़ गई है. इस बीच सीपीएम नेता सीताराम येचुरी का भी बयान आया है कि विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव जरूर लड़ेगा.
चुनाव के लिए कांग्रेस के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह एक काल्पनिक सवाल है तथा 17 जुलाई के चुनाव के लिए विपक्ष एक संयुक्त रणनीति के बारे में फैसला करेगा. वहीं सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि विपक्षी दल बैठक में संयुक्त रूप से किसी उम्मीदवार के बारे में फैसला करेंगे.
जेडीयू ने बुधवार को अपनी बैठक में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन का फैसला किया जिसके बाद वह अब विपक्ष की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. नीतीश कुमार पहले भी ऐसे संकेत दे चुके थे कि वह कोविंद का विरोध नहीं करेंगे.
अगर मीरा कुमार-रामनाथ कोविंद आमने-सामने हुए तो..?
एजुकेशन के लिहाज से देखा जाए तो रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं. लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है. मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं. असल में वे पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज से पढ़ाई की है. वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं.
दूसरी तरफ, कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए. उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया. उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है. दोनों ने वकालत की पढ़ाई की है. कोविंद का चयन भी प्रशासनिक सेवा के लिए हो चुका था, लेकिन उन्होंने नौकरी करने की जगह वकालत करना पसंद किया. मीरा कुमार 72 साल की हैं, जबकि रामनाथ कोविंद 71 साल के हैं.