सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अरुण शर्मा/NOI-उत्तरप्रदेश लोक सभा चुना में जितिन प्रसाद धौरहरा से चुनाव नहीं लड़ना चाहते क्योंकि उनका कहना है कि उनके आसपास की दो सीटें लखीमपुर खीरी और सीतापुर दोनों जगह से कांग्रेस मुस्लिम कैंडिडेट उतार रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेता जितिन प्रसाद के पार्टी से नाराजगी की खबरें हैं. इसी बीच उन्हें मनाने की कवायद भी जारी है. शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रसाद से मुलाकात की. मुलाकात के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि उनके चुनाव लड़ने को लेकर जो कुछ भी कह जा रहा है वह सब अटकलें हैं. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद पार्टी उम्मीदवारों के नाम जारी करेगी. मुझे नहीं पता कि किसी तरह का कोई मतभेद है.
वहीं सूत्रों ने बताया कि मुलाकात में जितिन के सामने दो विकल्प रखे गए हैं. पहला विकल्प- जितिन लखनऊ से चुनाव लड़े. राजनाथ सिंह के खिलाफ हारने की स्थिति में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा देने का भरोसा दिया है. दूसरा–जितिन धौरहरा से चुनाव लड़े.
सूत्रों का कहना है कि जितिन प्रसाद धौरहरा से चुनाव नहीं लड़ना चाहते क्योंकि उनका कहना है कि उनके आसपास की दो सीटें लखीमपुर खीरी और सीतापुर दोनों जगह से कांग्रेस मुस्लिम कैंडिडेट उतार रही है. प्रसाद को पता चला है कि महागठबंधन की तरफ से धौरहरा में मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट दिया जाएगा जिसकी वजह से इलाके में हिंदू बनाम मुस्लिम ध्रुवीकरण हो जाएगा और ऐसे में उन पर हारने का खतरा है. इसलिए वह कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे कि सीतापुर या लखीमपुर खीरी में से किसी भी एक सीट से मुस्लिम उम्मीदवार हटाया जाए लेकिन पार्टी मान नहीं रही.
सूत्रों के अनुसार, पार्टी का तर्क है कि मुस्लिम उम्मीदवार हटाने से गलत संदेश जाएगा. अब जितिन प्रसाद के सामने दो ही विकल्प है या तो वह लखनऊ से चुनाव लड़े और हारने की स्थिति में राज्यसभा सीट ले लें. या फिर धौरहरा से चुनाव में उतरें क्योंकि कांग्रेस ने दोनों मुस्लिम उम्मीदवारों को हटाने से मना कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि जितिन लखनऊ से चुनाव लड़ने को मान जाएंगे।