18 जुलाई 2021, लखनऊ – रीजेंसी अस्पताल 18 जुलाई से 25 जुलाई तक नेफ्रोलॉजी सप्ताह मना रहा है, जिसके दौरान वे किडनी स्वास्थ्य कैंप का आयोजन कर रहे हैं। यह कैंप अस्पताल परिसर में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित किया जाएगा । कैंप में किडनी की समस्याओं से जूझ रहे लोगो के लिए डॉ अलोक कुमार पांडेय और डॉ दीपक दीवान द्वारा नि शुल्क परामर्श दिया जाएगा, साथ ही किडनी की जांचो पर 25% डिस्काउंट भी दिया जाएगा । इस कैंप का पंजीकरण शुल्क सिर्फ 100 रूपये है । इस कार्यक्रम में डॉक्टर यह भी बताएंगे कि कैसे हम किडनी की बीमारियों से बच सकते हैं और उनकी देखभाल कैसे कर सकते हैं।
क्रोनिक किडनी रोग के शुरुआती चरणों में, आपको कुछ लक्षण हो सकते हैं। क्रोनिक किडनी रोग तब तक स्पष्ट नहीं हो सकता जब तक कि आपका गुर्दा कार्य काफी खराब न हो जाए। यदि गुर्दे की क्षति धीरे-धीरे बढ़ती है तो क्रोनिक किडनी रोग के लक्षण समय के साथ विकसित होते हैं।
डॉ अलोक कुमार पांडेय, कंसलटेंट नेफ्रोलॉजी व रीनल ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट, रीजेंसी सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने कहा ,“भारत में पिछले 15 सालों में गुर्दा रोगके मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। इसलिए गुर्दे की बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाई जाए । लोगों को गुर्दे का ख्याल रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली के लिए संकल्प लेना चाहिए। इनमें नियमित व्यायाम, कम नमक वाला पौष्टिक भोजन, ऑयली या भारी भोजन से बचना चाहिए,मधुमेह और रक्तचाप को नियंत्रित करना, धूम्रपान और तनाव-मुक्त जीवन जीना शामिल है।रीजेंसीसुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हमारे पास गुर्दे के मरीजों के लिए नयी तकनीक केसाथ सारी सुविधाएं उपलब्ध है , जिसमे वरिष्ठ गुर्दारोग विशेषज्ञ द्वारा परामर्श सहित, सभी जांच – काउंसलर, आहार विशेषज्ञ, आधुनिक उपकरणों के साथ डायलिसिस औरकिडनी ट्रांसप्लांटेशन जैसी सुविधा शामिल है”।
गुर्दे की बीमारी के लक्षणों में मतली, उल्टी, भूख न लगना, थकान और कमजोरी, नींद की समस्या, पेशाब की मात्रा में बदलाव, मानसिक तेज में कमी, मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन, पैरों और टखनों की सूजन, लगातार खुजली शामिल हो सकते हैं।
डॉ दीपक दीवान, गुर्दा रोग विशेषज्ञ व डायरेक्टर रीनल साइंसेज, रीजेंसी सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल, लखनऊ “गुर्दे की बीमारी के लक्षण और लक्षण अक्सर गैर-विशिष्ट होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं। चूंकि आपके गुर्दे अत्यधिक अनुकूलनीय हैं, इसलिए संकेत और लक्षण तब तक प्रकट नहीं हो सकते जब तक कि अपरिवर्तनीय क्षति न हो जाए। यदि आपको मधुमेह, हाई बीपी जैसी बीमारियां हैं जो आपके गुर्दे की बीमारी के जोखिम को बढ़ाती हैं, तो आपके डॉक्टर नियमित मूत्र और रक्त परीक्षण के साथ शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल की नियमित जाँच कर सकते है । रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल एडवांस नेफ्रोलॉजी और गुर्दे की देखभाल के लिए जाना जाता है, ने इस कैंप का आयोजन किडनी की बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करने और ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए किया जो ऐसी बीमारियों से पीड़ित हो सकते हैं लेकिन इसके बारे में जागरूक नहीं हैं। यह शिविर लोगों को सस्ती दरों पर परामर्श और परीक्षण करवाने में भी सक्षम करेगा जो आमतौर पर इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं “।