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Friday, October 4, 2024

“रेक्लम हेल्थ”, पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रोगियों के लिए रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ ने लांच किया पोस्ट कोविड क्लिनिक

अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद ७०% तक मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम की शिकायत कर रहे हैं
पोस्ट आईसीयू सिंड्रोम के लक्षण उन लोगों में भी देखे जा रहे हैं जिनमे बीमारी माइल्ड थी या थी ही नहीं (असिम्पटोमैटिक) और जिनका इलाज घर पर ही किया गया था

4 जनवरी 2021, लखनऊ: हालांकि ज्यादातर कोरोना वायरस रोग (कोविड-१९) से पीड़ित लोग कुछ हफ़्तों में पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मरीजों में विभिन्न लक्षण बने रहते हैं, जैसे की थकान, दर्द, साँस की तकलीफ,अनिद्रा,याददास्त और एकाग्रता की कमी. ये लक्षण पारिवारिक तथा व्यावसायिक जीवन की गुणवत्ता पर भारी प्रभाव डाल सकते हैं । कोविद से रिकवर हुए लोगो में इन्ही लक्षणों को देखते हुए रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ पोस्ट कोविड क्लिनिक लांच किया है जिसमे हर मंगलवार और शुक्रवार सुबह 10 बजे से दिन के 2 बजे तक स्पेशल ओपीडी चलेगी जिसमें डॉक्टर्स पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रोगियों कंसल्टेशन देंगे ।

कुछ आरंभिक अद्ध्यनो के अनुसार सिर्फ १०% मरीजों में ही पोस्ट कोविड सिंड्रोम के लक्षण प्रकट होते है परन्तु नए अध्यन दिखा रहे है की अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद ७०% तक मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम की शिकायत कर रहे हैं । इन लक्षणों में थकान, मांस पेशियों और जोड़ों में दर्द, सांस का फूलना, खांसी, सीने में दर्द, सीने में जकड़न, धड़कन, सरदर्द,अत्यधिक पसीना आना, एकाग्रता की कमी, अनिद्रा, स्किन रैशेस, बालों का झड़ना है ।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ उबैदुर रहमान, इंटरनल मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट ने कहा, “ऐसे लक्षण आई.सी.यू. में गंभीर रोगों के इलाज के बाद डिस्चार्ज हुए रोगियों में तो देखा गया है, जिसे पोस्ट आईसीयू सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है । परन्तु कोविड-१९ संक्रमण में ये लक्षण उन लोगों में भी देखे जा रहे हैं जिनमे बीमारी की तीव्रता माइल्ड थी या थी ही नहीं (असिम्पटोमैटिक) और जिनका इलाज घर पर ही किया गया था । पचास साल से अधिक आयु के लोग एवं डायबेटीज, ह्रदय रोग, मोटापा, सी.ओ.पी.डी. जैसी पूरानी स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों में इन लक्षणों के विकसित होने का खतरा ज्यादा देखा गया है । हमने इन्ही जोखिमो को ध्यान में रखते हुए कोविड क्लिनिक लांच किया है ताकि मरीज अपनी हेअल्थी लाइफ में वापस जा सके । हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी कोविद के दौरान मरीजों को इस क्लिनिक के माध्यम से एक उपयुक्त मेडिकल सर्विस प्रदान की जाए।“

वर्त्तमान में इस सिंड्रोम के लिए कोइ स्पष्ट परिभासा नहीं है इसलिए इसे विभिन्न नामो जैसे लॉन्ग कोविड, पोस्ट कोविड सिंड्रोम, पोस्ट एक्यूट कोविद सिंड्रोम इत्यादि से वर्णित किया गया है. पश्चिमी देशो में ऐसे मरीजों को लॉन्ग हालर्स भी कहा गया है । ब्रिटैन की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैल्थकेयर एंड एक्सीलेंस (NICE) ने पोस्ट कोविद सिंड्रोम ऐसे लक्षणों के रूप में परिभासित किया है जो किसी कोविड संक्रमित मरीज में १२ हफ्ते के बाद भी बने रहते है या आरंभिक लाभ के बाद दुबारा प्रकट होते है ।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ उबैदुर रहमान, इंटरनल मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट ने कहा, “अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद रोगियों को डिस्चार्ज एडवाइस का पालन करना चाहिए और फॉलो अप क्लिनिक में बराबर रिपोर्ट करना चाहिए । मरीज जिनका उपचार घर पर ही किया गया उन्हें यदि पोस्ट कोविड के लक्षण प्रकट होते है तो फ़ौरन चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए । ज्यादातर पोस्ट कोविड सिंड्रोम से ग्रसित मरीजों को सिर्फ सिम्पटोमैटिक दवा और फिजिकल तथा मेन्टल रिहैबिलिटेशन की जरुरत होती है । पोस्ट कोविड सिंड्रोम से रिकवरी धीरे धीरे होती है और लम्बा समय ले सकती है, जिससे पारिवारिक एवं कारोबारी समस्याऐ परेशान कर सकती है । अत: फॅमिली सपोर्ट, योग, और चिकित्सक की सलाह से क्लीनिकल काउंसलिंग मददगार साबित हो सकती है ।”

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