जोधपुर। रेलवेमें कार्यरत 13 लाख से ज्यादा कर्मचारियों में से कितने वास्तव में काम कर रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए रेलवे ने अभियान शुरू किया है। जिसमें उनकी छंटनी होगी जो काम से गायब रहते हैं, लेकिन वेतन उठाते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनके नाम का वेतन तो उठ रहा है, लेकिन वे नौकरी पर लंबे समय से ही नहीं रहे। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रेलवे से छंटनी करने के लिए सभी जोन से 15 दिसंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। रेलवे बोर्ड सदस्य (कार्मिक) डीके गायेन ने आदेश जारी कर सभी महाप्रबंधकों से कहा है, कि नौकरी पर नहीं आकर अनधिकृत रूप से वेतन उठाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उन्हें रेलवे के सिस्टम से बाहर निकाला जाए। शेष| पेज 9
रेलवे में नाम की नौकरी…
इसकेलिए पे-रोल बनाने वाले अधिकारी सुपरवाइजर इस बात का सर्टिफिकेट देंगे, कि उन्होंने जिन कर्मचारियों के वेतन को मंजूरी दी है, वे वास्तव में कार्यरत हैं। रेलवे सूत्रों का कहना है कि ऐसे भी कई कर्मचारी हैं जिनकी मौत के बाद भी वेतन उठ रहा है। रेलवे बोर्ड ने हर स्तर पर दो व्यक्तियों की टीम बनाने को कहा है, जो रेंडम जांच कर इस सिस्टम पर नजर रखेगी।