28 C
Lucknow
Wednesday, April 23, 2025

रेल बजट: रेलवे कर रहा इन ट्रेनों की गति बढ़ाने पर विचार

नई दिल्ली।आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सरकार आगामी रेल बजट 2017-18 में दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइनों की बाड़बंदी,पटरियां और पुलों की मजबूती के लिए इस बजट में विशेष कोष आवंटन किए जाने की घोषणा की जा सकती है।

अधिकारियों का कहना है कि आम बजट 2017-18 में रेलवे होल्डिंग कंपनी बनाने का भी प्रस्ताव पास किया जा सकता है। इस बार अलग रेल बजट की 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ कर इस बार इसे आम बजट में ही मिलाया जा रहा है। इस बार रेल बजट में प्रमुख परियोजनाओं में प्रमुख मार्गों पर रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ायी जा सकती है। इस बार रेल बजट पत्र में रेल पटरियों की बाड़बंदी एक प्रमुख घोषणा हो सकती है।

दिल्ली मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग की बाड़बंदी के अलावा सिग्नल प्रणाली के उन्नयन, बिना फाटक वाली सड़क क्रासिंग को खत्म करने के काम पर करीब 21,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।

एक व्यावहारिकता अध्ययन के मुताबिक ये दोनों बड़े कमाऊ मार्ग हैं, ऐसे में इन पर इस प्रकार का निवेश लाभदायक साबित होगा । दिल्ली से हावड़ा वाले रेल मार्ग पर प्रतिफल की दर 18 प्रतिशत और मुंबई मार्ग पर 14.7 प्रतिशत है।

दिल्ली-मुंबई मार्ग में बड़ोदा-अहमदाबाद खंड और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर कानपुर लखनऊ खंड को भी शामिल किया जाएगा। अधिकारी ने कहा भविष्य में हावड़ा-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई क्षेत्रों पर बाड़बंदी लगाने पर भी विचार किया जाएगा। रेलवे ने अपने नेटवर्क की सुरक्षा पर पांच साल में खर्च के लिए सरकार से 1.19 लाख करोड़ रुपये की मांग की है। पहले साल के लिए वित्त मंत्रालय 20,000 करोड़ रुपये आवंटित कर सकता है।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा पूरे मार्ग पर बाड़ंदी लगाने के बाद गति को प्रति घंटे 160 किलोमीटर की जगह प्रति घंटे 200 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें प्रति किलोमीटर 45 लाख रुपये का खर्च आने का अनुमान है। बाड़बबंदी के बाद पटरियों पर घुसपैठ और पटरियों पर पशुओं के प्रवेश पर रोक लग सकेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली पहली फरवरी को बजट पेश करेंगे जिसमें भारतीय रेल की गतिविधियों, प्रस्तावित बड़ी परियोजनाओं और रेलवे के आय व्यय का मोटा ब्योरा शामिल किया जा सकता है जो करीब दो पृष्ठ में होने की संभावना है।

इस बार बजट में रेलवे के उपक्रमों के लिए एक धारक कंपनी के प्रस्ताव का भी उल्लेख हो सकता है। इसके तहत आईआरसीटीसी, राइट्स, कॉनकोर, रेलटेल और एमआरवीसी समेत रेलवे के 14 उपक्रम रखे जा सकते हैं, जिसकी अनुमानित शुद्ध परिसम्पत्तियां 34,000 करोड़ रुपये की होगी। इस कंपनी पर कोई कर्ज न होने से उसके बाजार से अच्छी शर्त पर ऋण मिल सकता है और यह अपनी अनुषंगी कंपनियों के शेयरों की बिक्री का भी फायदा उठा सकेगी।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें