रेशम फार्मों पर शीघ्र ही स्थापित होगा धागाकरण ईकाई: के.एम. हनुमतरायप्पाबहराइच :(अब्दुल अजीज) NOI :- केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अध्यक्ष के.एम. हनुमतरायप्पा ने जनपद भ्रमण के दौरान राजकीय रेशम फार्म कल्पीपारा का निरीक्षण किया तथा रेशम उद्योग से जुडे जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आये लगभग 100 रेशम कृषकों के साथ कार्यालय सभागार में भेंट कर आवश्यक जानकारी प्राप्त किया। भेंट के दौरान रेशम कोया उत्पादकों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा अपनी भूमि के 1 एकड़ क्षेत्रफल में शहतूत वृक्षारोपण से कोया उत्पादन कर वर्ष में लगभग 60-70 हजार की आय प्राप्त की जा रही है। परन्तु उत्पादित कोया के विपणन की समस्या इस जनपद मंे बनी हुयी है जिससे उन्हें कोया का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पा रहा है। अन्य प्रदेशों पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आदि से रेशम कोया क्रय करने के लिए व्यापारी आते हैं जिनके द्वारा रेशम कोया का मूल्य काफी कम दिया जाता है। इस पर अध्यक्ष श्री हनुमतरायप्पा द्वारा बताया गया कि जनपद के जिन विकास खण्डों में रेशम फार्म है वहां पर शीघ्र ही धागाकरण ईकाई की स्थापना की जायेगी जिससे कृषकों द्वारा उत्पादित कोये की खपत यहीं पर हो जायेगी एवं रेशम कोया से धागा निकालकर वस्त्र निर्माण कर विक्रय किया जायेगा। इस प्रकार किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त होने लगेगा।उन्होंने यह भी बताया कि निजी क्षेत्र में धागाकरण ईकाई की स्थापना जिसकी लागत 14 लाख है, इस पर केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा 10.25 लाख की सहायता अनुदान के रूप में दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति जनपद में उप निदेशक रेशम कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह धागाकरण ईकाई स्थापित कर कोई भी व्यक्ति वर्ष में 30-35 लाख रूपये की आय प्राप्त कर सकता है। इसी तरह आटोमेटिक धागाकरण ईकाई जिसकी लागत 1.30 करोड़ है, इस के लिए केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा रूपये 65 लाख की अनुदान सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। धागाकरण ईकाई के लिए कच्चा माल जनपद में ही उपलब्ध है इस के लिए श्री हनुमतरायप्पा ने किसानों का आहवान किया जिसपर विकास खण्ड मिहींपुरवा से आये हुए किसान मो. हनीफ द्वारा 14 लाख की धागाकरण ईकाई की स्थापना के लिए सहमति व्यक्त की गयी। इसके उपरान्त लो.नि.वि के निरीक्षण भवन में अध्यक्ष श्री हनुमतरायप्पा ने जिलाधिकारी अजय दीप सिंह से भेंट वार्ता के दौरान जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि जनपद में निजी क्षेत्र में जो धागाकरण ईकाई स्थापित करने वाले इच्छुक लोंगो का प्रस्ताव भिजवायंे एवं उन्हे निःशुल्क प्रशिक्षण के लिए बैंगलोर भेजा जाय। उन्होंने कहा कि आप स्वयं 2 से 3 दिन का समय निकालकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर उपनिदेशक रेशम एके सिंह, सहायक निदेशक रेशम, लखनऊ एसपी सिंह, केन्द्रीय रेशम बोर्ड कैलाशनाथ, रेशम विकास अधिकारी जीके तिवारी, सहायक रेशम विकास अधिकारी वीरेन्द्र कुमार सहित किसान हनीफ, लवकुश, विधाराम, कृपाराम व अन्य लोग मौजूद रहे।