बेंगलुरु।सरकार लगातार नए नोटों को सिस्टम में डाल रही है, नोटबंदी के कारण हुई परेशानी से लोग उबर रहे हैं, लेकिन आरबीआई बेंगलुरु अब भी इस समस्या से बाहर नहीं आ पाई है। वह अब तक 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को ठिकाने नहीं लगा पाई है, जिनका स्टॉक बैंक को परेशान कर रहा है।
समस्या इतनी ही नहीं। पिछले महीने बैंक की श्रेडिंग मशीन टूट गई, जिसकी वजह से पुराने नोट नष्ट करने के काम की रफ्तार धीमी पड़ गई। सूत्रों के मुताबिक, करीब 15 दिन पहले मशीनें दुरुस्त हुईं और नोट नष्ट करने का काम फिर शुरू किया जा सका।
राज्यस्तरीय बैंकर्स कमिटी के एक अधिकारी एसएम देसाई ने बताया, ‘अचानक ऐसी स्थिति पैदा हो गई जिसकी वजह से कई लाख ऐसे नोट इकट्ठा हो गए हैं, जिन्हें नष्ट किया जाना है। इस काम में काफी समय लग रहा है।’
आरबीआई अब तक प्रतिबंधित नोटों को नष्ट नहीं कर पाई है, उसने कोई नोटिस जारी होने तक उन्हें करंसी चेस्टों में रखे जाने का आदेश दिया है। परेशानी यह है कि बैंकों को अपने करंसी चेस्टों में नए नोटों को रखना होता है, ऐसे में पुराने नोट कहां रखे जाएं। एक सरकारी बैंक के जीएम ने बताया, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई पुराने नोट नष्ट करने के काम में तेजी लाएगी। हम लंबे समय के लिए नोटों का स्टॉक नहीं रख सकते क्योंकि हमें नए नोट भी जारी किए जा रहे हैं।’
उन्होंने आगे बताया, ‘कर्नाटक के तकरीबन सभी 270 करंसी चेस्ट पुराने नोटों से भरे पड़े हैं। आरबीआई के एक सूत्र ने बताया कि पुराने नोटों को नष्ट करने के लिए रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक की शिफ्ट शुरू की गई है।’