28 C
Lucknow
Thursday, February 20, 2025

लश्कर का गाइड था लखनऊ में पकड़ा गया नईम



मुंबई। एनआईए और यूपी एटीएस ने मिलकर बुधवार को लखनऊ के चारबाग बस डिपो के पास से जिस शेख अब्दुल नईम उर्फ नोमी को पकड़ा है, वह आतंकवादी संगठन

लश्कर-ए-तैयबा

के लिए भारत में गाइड का काम करता था। वह 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता अबु जुंदाल का जिगरी दोस्त है और जुंदाल के साथ ही मई, 2006 में औरंगाबाद से भाग गया था। वह औरंगाबाद आर्म्स केस में वॉन्टेड था। उस केस के दो महीने बाद ही जुलाई, 2006 में मुंबई की आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनों में बम धमाके हुए थे।

औरंगाबाद आर्म्स केस

में पिछले साल जुंदाल सहित एक दर्जन लोगों को सजा सुनाई गई थी। एसीपी सुनील देशमुख ने बुधवार को एनबीटी को बताया कि चूंकि नईम फरार था, इसलिए उस पर फैसला अदालत में लंबित था। उम्मीद है जल्द ही उसे इस केस में सजा सुनाई जाएगी। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि नईम गुजरात चुनाव के दौरान कोई बड़ी साजिश रच रहा था। गुजरात के दो बड़े नेता उसकी हिट लिस्ट में थे। इसके अलावा उसने दिल्ली, यूपी और हिमाचल प्रदेश में भी कई पर्यटन स्थलों की रेकी की हुई थी। इन जगहों पर आतंकवादी हमला किया जाना था।

नईम को अप्रैल 2007 में दो पाकिस्तानियों के साथ कोलकाता में पकड़ा गया था। उस वक्त उसके पास से फर्जी दस्तावेजों से पश्चिम बंगाल में बना एस.के समीर नाम का राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला था। उस गिरफ्तारी के सात साल बाद अगस्त, 2014 में वह छत्तीसगढ़ में चलती ट्रेन से कूदकर भाग गया था। उस पर दो मुकदमे चल रहे थे, इसलिए उसे कभी कोलकाता कोर्ट में, तो कभी औरंगाबाद केस की वजह से महाराष्ट्र की कोर्ट में पेश किया जाता था।

बांग्लादेश कनेक्शन

एसीपी सुनील देशमुख के अनुसार, नईम पाकिस्तान आतंकवादियों को बांग्लादेश के रास्ते भारत लाने का काम करता था और फिर इन्हें पंजाब के अलग-अलग शहरों में लश्कर के लोगों को सौंप देता था। उन दिनों लश्कर के सरगनाओं ने पंजाब के तीन शहरों को अपना पिक-अप पॉइंट बनाया हुआ था। ये शहर चंडीगढ़, अमृतसर और जालंधर थे। जालंधर में वॉच टावर के पास स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल को, जबकि चंडीगढ़ में सेक्टर 22 के पास स्थित बस टर्मिनल को उसने पिक-अप पॉइंट बनाया हुआ था। अमृतसर में लश्कर के एक नहीं, कई पिकअप पॉइंट्स थे।
नईम पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में वैनापोल-पेट्रोपोल पोस्ट से पाकिस्तान आतंकवादियों को पिक करता था। ये आतंकवादी पाकिस्तानी एयरलाइंस से कराची से ढाका पहुंचते थे और फिर ढाका से वैनापोल-पेट्रोपोल पोस्ट आते थे। वहां से इन्हें हावड़ा से ट्रेन में बैठाया जाता था। नईम जैसे ही ट्रेन से आतंकवादियों को लेकर चढ़ता था, लश्कर के जम्मू कश्मीर के सरगनाओं को इसकी सूचना दे दी जाती थी। लश्कर के लड़के फिर चंडीगढ़, अमृतसर या जालंधर पहुंच जाते थे और पाकिस्तान से आए आतंकवादियों को कश्मीर ले जाते थे। दरअसल, लश्कर के सरगना कई सालों के सर्वे के बाद इस नतीजे पर पहुंचे थे कि ट्रेन से सीधे कश्मीर पहुंचने पर ट्रेन में बहुत चेकिंग होती है, पर पंजाब के रास्ते यदि बस से कश्मीर जाया जाए, तो रास्ते में कोई दिक्कत नहीं आती। इसलिए लश्कर ने पंजाब के इन तीन शहरों को अपना पिक-अप पॉइंट बनाया हुआ था।

इसलिए जुड़ा औरंगाबाद आर्म्स केस से नाम

शेख नईम का नाम औरंगाबाद आर्म्स केस से क्यों जुड़ा, इसकी कहानी दरअसल मोहम्मद आमिर से जुड़ी हुई है, जो 9 मई, 2006 को उस टाटा सूमो ड्राइव कर रहा था, जिसमें कंप्यूटर के बॉक्स में हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा रखा हुआ था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आमिर कभी गुजरात में एक मदरसे में पढ़ता था। वहां लश्कर-ए- तैयबा से जुड़ा असलम कश्मीरी भी आता था। गुजरात में जब असलम कश्मीरी की आमिर से मुलाकात हुई और यह मुलाकात दोस्ती में बदल गई, तो आमिर से मिलने कश्मीरी औरंगाबाद गया। यहां आमिर के जरिए कश्मीरी की कई युवकों से मुलाकात हुई। उन्हीं में शेख नईम भी था, जो बाद में असलम कश्मीरी की तरह ही लश्कर का खास आदमी बन गया।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें