आप सभी देखते और सुनते हैं की बहराइच जनपद के कप्तान विपिन मिश्रा ने बहराइच को अपराध मुक्त जनपद बनाने के लिए रात दिन एक कर दिया कई बड़े अपराधियों माफियाओं तस्करों को वही जगह पहुंचा दिया जहां उनकी जगह होनी चाहिए ईमानदार कप्तान के आगे कई ऐसे थानेदार की भी नहीं चली जो अपराध को बढ़ावा देते थे सभी थानेदारों को सख्त हिदायत दे रखी है कि अगर किसी के क्षेत्र में अपराध हुआ तो वो थानेदार बख्शे नहीं जाएंगे कप्तान की ईमानदारी को देखकर भ्रष्ट अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं
वहीं पर नानपारा कोतवाली में तैनात कोतवाल डीके श्रीवास्तव ने सारी हदें पार कर कप्तान पर गाली देने का झूठा इल्जाम लगा डाला दरअसल कोतवाल लाइन हाजिर होते ही बौखला गया और ईमानदार कप्तान पर फर्जी आरोप लगा दिया और एक ऑडियो क्लिप मीडिया को दे दिया जो कि उस ऑडियो क्लिप में कहीं भी गाली का इस्तेमाल नहीं हुआ है यह एक सोची समझी कोतवाल की चाल है महज कप्तान को बदनाम करने के लिए,,,, कहां है वह ऑडियो क्लिप जिसमें कप्तान ने गाली दिया था किसने सुना है केवल कोतवाल ने बात सी ओ नानपारा के मोबाइल पर हुई सी ओ नानपारा से पूछे जाने पर उन्होंने साफ इनकार किया है की ऐसी कोई बात मेरे और कप्तान भी बीच नहीं हुई जिसमें गाली का प्रयोग किया गया हो
आइए थोड़ा कोतवाल डीके श्रीवास्तव के बारे में कुछ वक्त पीछे चल कर जानने की कोशिश करते हैं
बस्ती से रिकॉर्ड देखिए कि हमारे कोतवाल डीके कितना साफ छवि और ईमानदार हैं डीके श्रीवास्तव की बस्ती जनपद में तैनाती के दौरान कई अधिकारियों से गाली गलौज की थी,, वहां के अधिकारी इस इस्पेक्टर से परेशान हो चुके थे वहां से इसका ट्रांसफर बहराइच हुआ,,, कप्तान ने डीके को शहर कोतवाल बना दिया तैनात होते ही इस कोतवाल ने आम जनमानस पर कहर बरसाना शुरू कर दिया थाना दरगाह का चार्ज मिलते ही दरवाजे पर खड़ी गाड़ी घर में लगी ऐ,सी सब तोड़ने और लोगों को वर्दी का धौस दिखाकर लोगो को मारना पीटना आम बात हो गई थी दरगाह क्षेत्र के लोग परेशान हो गए परेशान होकर के कई अधिकारियों से उनकी शिकायत भी की गई थी और थाना दरगाह से भी कोतवाल लाइन हाजिर भी हुए थे,,, यहां तक की इसने अपने स्पेक्टर और सिपाही को भी नहीं बख्शा उनसे भी गाली गलौज करते नजर आए हैं थाना दरगाह में तैनात इंस्पेक्टर निसार अहमद को एक विवेचना को लेकर डीके श्रीवास्तव ने इंस्पेक्टर निसार का कालर पकड़ लिया था और नौबत मारपीट की आ गई थी इतने अच्छे और साफ-सुथरी छवि के हैं हमारे कोतवाल डीके श्रीवास्तव जो अपने ही इंस्पेक्टर और सिपाही को भद्दी भद्दी गाली देने का काम करते आये है, ऐसा स्पेक्टर आम जनमानस के साथ किस तरह का बर्ताव करते होंगे आप खुद सोच सकते हो, जो इंस्पेक्टर किसी भी थाने में तीन चार महीने से ज्यादा नहीं रह पाया हो उसकी छवि कितनी अच्छी होगी ,कुछ तो बात होगी ऐसी क्या वजह है जो ये कही रुक नही पाए? दूसरी तरफ कप्तान विपिन मिश्रा जहां भी रहे हैं अपना कार्यकाल पूरा करके वहां से आए हैं! और हमारे कोतवाल डीके श्रीवास्तव के बारे में जान ना हो थाना दरगाह शरीफ थाना नानपारा क्षेत्र में जाकर पता कर ले सच्चाई खुद ब खुद जान जाएंगे कौन गाली बाज है कौन साफ सुथरी छवि का है !
चलते-चलते आपको बताते चलें कि मेरे पत्रकार बंधुओं के साथ डीके श्रीवास्तव का अच्छा व्यवहार नहीं रहा है कोई पत्रकार पहुचता था तो पहले आईडी मांगते थे उनके मन का नहीं होता तो आईडी छीन कर रख लेते थे कई पत्रकार भी इनके जुल्म का शिकार बन चुके हैं! यहा मामला केवल लापरवाही का है कप्तान विपिन मिश्रा कई बार कोतवाल डीके श्रीवास्तव को समझा चुके थे लेकिन कोतवाल ने कप्तान की बातों पर तवज्जो नहीं दिया और लगातार दो जगह गोली कांड की वजह से कोतवाल डीके श्रीवास्तव को कप्तान विपिन मिश्रा ने लाइन हाजिर कर दिया और कोतवाल डीके श्रीवास्तव बौखला गए बोखलाहट में कप्तान विपिन मिश्रा के ऊपर गाली देने का फर्जी इल्जाम लगा दिया !!!!