
दीपक ठाकुर:NOI।
देश मे कोरोना संकट को देखते हुए जारी लाकडाउन में कई पर्व भी ऐसे जिन्हें मनाने में लाकडाउन की कोई बाधा सामने नही आई इसी में एक वटसावित्री का पूजन भी मनाया गया जिसमें सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घ आयु के लिए बरगद व्रक्ष की पूजा अर्चना की आम दिनों में इस दिन का नज़ारा बेहद खास होता था क्योंकि बरगद व्रक्ष के चारो तरफ सुहागिनों का हुजूम दिखाई देता था पर इस बार सभी ने अपने घरों में ही बड़ी श्रद्धा के साथ इस पूजा को सम्पन्न किया।

जिस पर उसने पहले अपने अंधे सास-ससुर की आंखें और दूसरा उनका खोया राज्य वापस मांगा। यमराज ने तथास्तु कह दिया, इसके बाद फिर सावित्री यमराज के पीछे चल दी। कुछ दूर आगे निकलने पर यमराज ने पीछे मुड़कर देखा तो सावित्री आते दिखी।
यमराज ने फिर वरदान मांगने को कहा तो उसने पुत्रवती होने का आशीर्वाद मांगा। यमराज ने भी तथास्तु कह दिया। बाद में जब सोचा तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ इस पर उन्होंने उसके पति के प्राणों को छोड़ दिया। तभी से इस व्रत की परंपरा है।
आपको बता दें कि ज्येष्ठ की अमावस्या पर आज सुहागिनों ने वट सावित्री व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना की। व्रत की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने बाजार जाकर आवश्यक सामान की खरीदारी की।इस व्रत के पीछे मान्यता है कि पूर्व काल में सत्यवान की मृत्यु हो जाने पर जब उसके प्राण लेकर यमराज जाने लगे तो सावित्री पीछे-पीछे चल दी।जब यमराज ने वापस जाने को कहा तो वह बिना पति के जाने को तैयार नहीं हुई। यमराज ने उससे वरदान मांगने को कहा।

तभी से इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करके परिक्रमा लगाती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रख कर इस पूजा को करती है जिसमे विशेष प्रकार का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है पूरे श्रृंगार के साथ किये जाने वाले इस पूजन से महिलाओं को मन चाहा फल भी प्राप्त होता है।इस लाकडाउन मे ये पूजा भले ही घरों में ही की गई हो लेकिन उसमें श्रद्धा भाव और सुहागिनों का उत्साह अपार था सभी ने वटवृक्ष की बड़ी सेवा भाव से पूजा की उसकी परिक्रमा कर पूजा को सम्पन्न किया।
